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भगवान की बडी खोज: दूसरे राज्यों में मिले मध्यप्रदेश सरकार के 85 मंदिर

locationभोपालPublished: Mar 15, 2021 12:13:39 pm

Submitted by:

Manish Gite

बड़ा खुलासा : भगवान भरोसे रहे परदेसी मंदिर, अब सरकार ने 6 दशक बाद खोजे, 85 मंदिर दूसरे पांच राज्यों में मिले, अब सरकार लेगी कब्जा…।

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जितेन्द्र चौरसिया

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के परदेसी मंदिर भगवान भरोसे ही रहे। ऐसा इसलिए सरकार ने अब दूसरे राज्यों में अपने ऐेसे अरबों के मंदिर ढूंढ निकाले हैं, जो पिछले छह दशक से किसी को पता नहीं थे। यहां तक कि खुद सरकार को इनकी खबर नहीं थी। दिलचस्प ये कि इनमें महाराष्ट्र के भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग के यहां स्थित मंदिर तक शामिल हैं। साथ ही अयोध्या का एक राममंदिर भी मध्यप्रदेश के स्वामित्त का है। अरबों की प्रॉपटी और देश-दुनिया में प्रसिध्द इन मंदिरों के बारे में मध्यप्रदेश सरकार को यही नहीं पता था कि यह उसके मंदिर हैं। बीते दिनों जब दशकों पुराने रिकार्ड की खोज-खबर शुरू हुई, तो इन मंदिरों का पता चला। अब सरकार इन मंदिरों की सूची बनाकर स्पेशल टीम इन राज्यों में भेजेगी। यह टीमें इन मंदिरों और उनकी प्रॉपटी व अन्य दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन करेगी।

यह बडी मुहिम होगी, क्योंकि पिछले साठ साल से इन मंदिरों की कोई जानकारी सरकार के पास नहीं होने के कारण कभी इनकी खोज खबर नहीं ली गई। इसलिए इन मंदिरों का आधिपत्य व स्वामित्व पाना अब मैदानी तौर के साथ कानूनी रूप से भी बडी जंग साबित होना है। इतना जरूर है कि मध्यप्रदेश सरकार का प्रारंभिक आकलन है कि इन मंदिरों की प्रॉपटी अरबों-खरबों की है। इसलिए इन्हें पाने की राह आसान नहीं रहेगी।

ऐसे चला पता

मध्यप्रदेश सरकार की जानकारी में पहले 56 ऐसे मंदिर थे, जो राज्य के बाहर थे। लेकिन, चार दशक से भी ज्यादा समय से उन मंदिरों की खोज खबर नहीं ली गई। इनमें उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू और कर्नाटक के मंदिर हैं। खास बात ये कि रामेश्वर में भी मध्यप्रदेश सरकार के तीन मंदिर हैं। अब जब उन मंदिरों की खोज खबर लेना शुरू किया, तो नए रिकार्ड उजागर हुए। इन रिकार्डों को पांच-छह दशक से खोला ही नहीं गया था। इसलिए छह दशक से ज्यादा समय के दबे ऐसे रिकार्ड मिले, जिसमें 85 नए मंदिर सामने आए हैं, जो दूसरे राज्यों में स्थित हैं। ये मंदिर उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ और तमिलनाडू में हैं।

 


दूसरी राज्य सरकारों से करेंगे बात

अब मध्यप्रदेश सरकार इन राज्यों की सरकारों से भी बात करेगी, ताकि मध्यप्रदेश के स्वामित्व वाले मंदिरों का संचालन और अधिकार वापस मिल सके। यह मैदानी परीक्षण के बाद होगा। इसमें महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा मंदिर हैं। उत्तरप्रदेश में तो भाजपा की सरकार है, लेकिन राजस्थान और महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं होने से मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के लिए ज्यादा मुश्किलें आएंगी।

 

प्रतिष्ठित मंदिरों पर आसान नहीं

अयोध्या में एक राममंदिर, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग सहित कुछ ऐसे मंदिर हैं, जो देश-दुनिया में प्रसिद्ध स्थलों पर हैं। इन मंदिरों को पाना मध्यप्रदेश के लिए आसान नहीं रहेगा। क्योंकि, इन मंदिरों का चढ़ावा भी लाखों में होता है। उस पर साठ साल में मध्यप्रदेश ने कभी इन पर अपना हक जताया और बताया तक नहीं है। ऐसे में कानूनी दिक्कतें भी आना तय है।

मध्यप्रदेश का अधिकार ऐसे

पूर्व में राजवंश और रियासतें मंदिर का निर्माण कराती थी। मंदिर रियासतों की सम्पत्ति में ही आते थे। बाद में जब अंग्रेज आए, मुगलकाल आया, तो मंदिर उनकी रियासतों के क्षेत्र में आ गए। बाद में जब देश आजाद हुआ और राज्यों का गठन हुआ, तो रियासतें मर्ज कर दी गई। रियासतों की सम्पत्ति को शासन के अधीन कर लिया गया। इसमें मध्यप्रदेश की कई रियासतें थी, जिनकी दूसरे राज्यों में सम्पत्ति थी। इसी सम्पत्ति के अधीन मंदिर थे। ये मंदिर मध्यप्रदेश सरकार व मध्यप्रदेश की रियासतों के नाम रिकार्ड में दर्ज रहे, जिससे मध्यप्रदेश का स्वामित्त इन पर रहा। बाद में मध्यप्रदेश सरकार इन पुराने रिकार्ड्स को ही भूल गई। जहां-जहां रिकार्ड देखा गया और याद रहा, वहां की सम्पत्ति अब भी मध्यप्रदेश के कब्जे में हैं, लेकिन अनेक जगह मध्यप्रदेश ने खोजखबर नहीं ली, तो वहां की सम्पत्ति दूसरों के कब्जे में चली गई।

किस राज्य में मिले कितने नए मंदिर

 

उत्तरप्रदेश में 12 मंदिर

श्रीराममंदिर अयोध्या, बद्री बिन माधव मथुरा, बालकष्ण गंगाधर झांसी, श्रीराम तारक मठ काशी, माधवभट गोपाल भट झांसी, रामचंद्र केशव दुराफे इलाहबाद, बलदेवजी मथुरा, श्रीमुरलीमनोहर नगर, श्रीराम मोठा नगर, श्रीराम मंदिर दहीगांव नगर, बैजनाथ तराणा प्रतापगढ व सिध्देश्वचर महादेव नगर।

महाराष्ट्र में 36 मंदिर

त्रिभुवनेश्वर व त्रिंबकेश्वर क्षेत्र त्रिंबकेश्श्वर नासिक, गोवर्धनधारी मंदिर चांदबड नासिक, भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग पोस्ट वाडे, पूना सिटी, मध्यमेश्वर महादेव मंदिर नासिक, महाबलेश्वर महादेव मंदिर चालीसगांव श्रीराम मंदिर तुलसीबाग पुणेसिटी, श्रीराममंदिर नांदूर नासिक, रूद्रेश्वर महादेव महाबलेश्वर सतारा, श्रीरेणुका देवी नासिक, बिटठल मंदिर नासिक, राम मंदिर मौजे सेगांव, राम मंदिर मौजे ब्राम्हण गांव परगणे सेगांव, सुखानंद महादेव सेगांव, गोपालकष्ण दरचिरी रत्नागिरी, श्रीजैन मंदिर मक्षी रत्नागिरी, पारसी अग्यारिी पूनासिटी, चिमनराव मुले छत्रियां झाबुआ, तुकोजीराव महाराज छत्री खडकी, धोडजीबुआ गावढे पारनेर, प्रयागेश्वर व वेणी माधव त्रिंबकेश्वर नासिक, बालाजी नासिक, बुकजीराव होलकर नासिक, बापू सो होलकर जुन्नर, मध्यममेश्वर नासिक, महानुभाव मंदिर नासिक, महाविष्णु पुणे, श्रीमल्हार तुकेश्वर व मल्हारेश्वर नासिक, राम मंदिर नासिक, राममंदिर चन्दोरी नासिक, श्रीराजराजेश्वर महादेव पुणे, रेणुकादेवी चांदबड नासिक, लक्ष्मीनारायण बाकगांव पुणे, बिठठल मंदिर चांदबड, श्रीविष्णु बडनेर चांदबड और व्यंकटेश लखनापुर औरंगाबाद।

राजस्थान में 33 मंदिर

श्रीनाथ मंदिर नाथद्ववारा, यशवंतेश्वर महादेव मंदिर नाथद्ववारा, श्रीभतपापेश्वर गजापुर, खाजासाहेब निशाण अजमेर, सात अलग अलग राममंदिर सरकारी मोजे सुनेेल में, राममंदिर सोयला सुनेल, श्रीराम लक्ष्मीनारायण मंदिर सुनेल, सग मंदिर पियाखेडी सुनेल, श्रीराम व नरसिंह मंदिर सुनेल, राम मंदिर रायपुर सुनेल, राममंदिर कोठडी सुनेल, राम मंदिर सागन्या परगणे सुनेल, राम कष्ण मंदिर सुनेल, राम मंदिर मौजे बोरबंद सुनेल, राम मंदिर दिवरखेडा सुनेल, राम मंदिर ठाकुरसो सुनेल, रामदासी मारूती मंदिर सुनेल, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर सुनेल, कष्ण मंदिर सुनेल, कष्ण मंदिर मौजे सुनेल, कष्ण मंदिर जमीदार रामचंद्र मंदिर सुनेल, खेडापति मारूति मंदिर सुनेल, खेछैवत मौजे सुनेल, खेडापति मारूति कोठडी मंदिर सुनेल, चतुर्भुज मंदिर सुनेल, चतुर्भूज नारायण मंदिर सुनेल और चतुर्भुजनारायण मंदिर जमीदार धरन जीक डाबला मंदिर सुनेल।


छत्तीसगढ (01) : गोविंद नारायण भोपाटकर रायपुर

तमिलनाडू (02) : श्रीराम मंदिर व शिवाचे मंदिर तजावर

 


भौतिक परीक्षण होगा

रिकार्ड में ऐसे कई मंदिर मिले हैं, जो मध्यप्रदेश के बाहर स्थित हैं और जिन पर मध्यप्रदेश सरकार का स्वामित्व हैं। पूर्व में इन मंदिरों को नहीं देखा गया। अब इनका भौतिक परीक्षण कराकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

– मनोज श्रीवास्तव, एसीएस, अध्यात्म विभाग, मप्र

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