वही शहरों में वर्ष 1993-1994 के दौरान अप्रैल, मई और जून का अधिकतम तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। यानी इस अवधि में तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। अगले 28 वर्षों तक भी तापमान में वृद्धि और गिरावट जारी रही। इस प्रकार इन 41 वर्षों में अधिकतम तापमान में औसतन दो डिग्री की वृद्धि हुई है। उन्होंने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों के साथ सागर, सतना, नर्मदापुरम, गुना को भी इस सूची में शामिल किया है।
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बढ़ रहा है तापमान
मौसम विज्ञानी ममता यादव के अनुसार, हम 1980 से 2021 तक राज्य के प्रमुख शहरों के तापमान का एक चार्ट अध्ययन कर रहे हैं। अध्यन में सामने आया है कि, इस अवधि में तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, मौसम विज्ञानी पीके साहा के अनुसार,इस साल भी तापमान इन उच्चतम तापमान को छुएगा, अन्य वर्षों की तुलना में इस साल मई तक केवल पांच पश्चिमी विक्षोभ आए हैं, जिनमें से सिर्फ एक ही प्रभावी था।
तो ये है तापमान बढ़ने की वजह
-लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं। पृथ्वी का हरित आवरण क्षेत्र लगातार कम होता जा रहा है।
-कारखानों और घरों में जीवाश्म ईंधन (कोयला, प्राकृतिक गैस और तेल) के जलने से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं।
-कुछ गैसें, जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन, वातावरण में सूर्य की गर्मी को अवशोषित करती हैं।
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