कमलनाथ ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आदिवासियों के लिए सब प्लान खत्म कर दिया गया। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि आदिवासियों के लिए सब प्लान जैसी योजनाएं बनाई जाना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आदिवासियों के लिए सब प्लान नहीं बनता है तो मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के हित में सब प्लान बनाएगी और उनके क्षेत्र का विकास करेगी।
विपक्ष ने ली आपत्ति
इधर, संविधान संशोधन विधेयक पर सहमति प्रस्ताव पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने आपत्ति ली। बाद में विधानसभा में संविधान संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
और क्या हुआ सदन में
-कांग्रेस ने अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के साथ ही एंग्लो इंडियन को भी आरक्षण की जरूरत है, इसलिए इस वर्ग को भी आरक्षण मिलना चाहिए, जिससे इनका भी उत्थान हो सके।
-कांग्रेस के विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि मनुवादी व्यवस्था के कारण इस वर्ग का उत्थान नहीं हो सका। उन्होंने सवाल किया कि मनुवादी विचारधारा कब तक चलेगी। भूरिया ने कहा कि बाबा साहब ने हमें आरक्षण दिया है, हम अधिकार लेंगे।
क्या हुआ था पहले दिन
इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र गुरुवार को शुरू हुआ। पहले दिन दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन स्थगित कर दिया गया। अब अगली बैठक शुक्रवार को होगी, जिसमें दस साल और आरक्षण बढ़ाने संबंधि 126वें संविधान संशोधन विधेयक का अनुमोदन किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में यह है गणित
मध्य प्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं, जिनमें से 4 अनुसूचित जाति और 6 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 35 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और 47 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं।
क्यों हुआ विशेष सत्र
विधानसभा का विशेष सत्र आरक्षण को दस साल तक और आगे बढ़ने के लिए रखा गया था। संविधान के 126वां संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा की ओर से पारित हो चुका है। इसके बाद इसे अनुमोदन के लिए राज्यों को भेजा गया था। इसे लागू करने के पहले विधानसभाओं की कम से कम 50 फीसदी सहमति जरूरी होती है।
-यह विधेयक इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आरक्षण की अवधि इस वर्ष 25 जनवरी को खत्म हो रही है।
– देश की 50 फीसदी विधानसभाओं की ओर से अनुमोदन मिलने के बाद ही इसे राष्ट्रपति को भेजा जाता है और उनकी स्वीकृति के बाद यह कानून बन जाता है।
कैबिनेट बैठक में क्या है खास
विधानसभा के विशेष सत्र से पहले कमलनाथ कैबिनेट की अहम बैठक हुई, जिसमें कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने इसीक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पान के किसानों को मिलेगी राहत। बर्बाद हो रही फसलों की बढाई गई राहत। मुख्यमंत्री सहायता कोष की राशि बढ़कर 150 करोड़ की गई।