संपत्ति कार्ड हुए जारी
योजना के तहत रूरल इंडिया का डिजिटल मैप तैयार बनने के बाद रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के मालिकों को स्टेट गवर्नमेंट की ओर से संपत्ति कार्ड जारी किया गया। जिसके आधार पर लोग बैंक से कर्ज भी उठा सकेंगे। इस योजना की शुरूआत यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में प्रारंभिक तौर पर शुरू की गई थी।
केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में लंबे समय से यह आवश्यकता महसूस की जा रही थी कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को उनके मकान का मालिकाना हक प्रदान करने वाला अभिलेख प्राप्त हो सके। देश के 6 राज्यों में पायलट फेज़ के रूप में स्वामित्व योजना प्रारंभ की गई थी और अब इस योजना को देश के सभी गांवों में लागू किया जा रहा है। तोमर ने कहा कि पायलट चरण के अधिकांश राज्यों ने स्वामित्व के क्रियान्वयन में प्रशंसनीय कार्य किया है, जिनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि अब तक देश के 2500 गांवों के 3 लाख परिवारों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत उनकी संपत्ति के अधिकार अभिलेख प्रदान किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 40514 गांवों में ड्रोन उड़ान का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। इस साल के बजट में भारत सरकार ने स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू करने की घोषणा की है और इसके लिए वित्तीय प्रावधान भी किए गए हैं।
जानिए क्या हैं फायदे
– आपके पास एक अधिकार है, एक कानूनी दस्तावेज है कि आपका घर आपका ही है, आपका ही रहेगा।
– प्रॉपर्टी कार्ड का इस्तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा।
– पंचायती स्तर पर टैक्स व्यवस्था में सुधार होगा।
– प्रॉपर्टी के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा
– एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसके दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे।