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मध्य प्रदेश में भी ‘लव जिहाद’ पर यूपी की तरह होगा सख्त कानून, ऐसे हैं कड़े प्रावधान

locationभोपालPublished: Nov 26, 2020 04:57:18 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बाद अब एमपी की शिवराज सरकार भी जबरिया धर्मांतरण के खिलाफ ला रही कानून, दोनों राज्यों में जानिए क्या होंगे सजा के प्रावधान..

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भोपाल. उत्तरप्रदेश की योगी सरकार के बाद अब मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार भी जबरिया धर्मांतरण, लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने की तैयारियों में जुटी हुई है। लव जिहाद के खिलाफ विधेयक का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है जिस जल्द ही शिवराज कैबिनेट में रखा जाएगा और उसके बाद विधानसभा में पेश कर स्वातंत्र्य विधेयक लाया जाएगा।
10 साल तक की सजा के प्रावधान की तैयारी

बता दें कि पहले प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ बनने वाले कानून में दोषी को 5 साल की सजा का प्रावधान था लेकिन अब इसे सजा को बढ़ाकर दो गुना किया जा सकता है। यानि जबरिया धर्मांतरण कराने वाले को 10 साल की सजा दिलाने की तैयारी की जा रही है। कई बीजेपी नेताओं ने सजा को बढ़ाने जाने की मांग की थी जिसके बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रालय में बैठक ली थी और धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 का मसौदा इस बैठक में तय किए जाने के साथ ही ये भी तय किया गया था कि सजा का प्रावधान 5 साल से बढ़ाकर 10 साल किया जाएगा। बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए गृहमंत्री ने कहा था कि लव जिहाद के खिलाफ सरकार का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है जिसे जल्द ही कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा में विधेयक को रखा जाएगा और वहां से पास होने के बाद विधेयक को दिल्ली भेजा जाएगा।
ये होंगे प्रावधान…

1. शादी के लिए जबरिया धर्मांतरण कराने वाले पादरी, गुरु, काजी मौलवियों को 5 साल की सजा होगी।

2. जो भी संस्था जबरिया धर्मांतरण में शामिल पाई जाएगी उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त होगा।
3. पीड़ित के माता-पिता जबरिया धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे।

4. लव जिहाद के लिए सहयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

5. यह अपराध गैर जमानती रहेगा, थाने से आरोपी को जमानत नहीं मिल सकेगी।
6. शादी के लिए स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने के लिए एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन करना होगा।

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जानिए यूपी की योगी सरकार के कानून में क्या है खास-

1. कोई किसी भी व्यक्ति का जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराता है तो सजा दी जाएगी।

2. अगर सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन कराया जाएगा तो शादी कैंसल कर दी जाएगी.

3. अध्यादेश में किसी भी धर्म विशेष की बात नहीं की गई है। धर्म परिवर्तन से जुड़े हर मामले में इसे लागू किया जाएगा। फिर चाहे वो किसी भी धर्म का क्यों न हो।

4. झूठ, जोर-जबरदस्ती, लालच या दूसरे किसी गलत तरीके से किया गया धर्मांतरण अपराध की श्रेणी में आएगा।

5. नाबालिग और अनुसूचित जाति/जनजाति की लड़कियों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराने पर वृहद दंड का प्रावधान तय किया गया है, कठोर सजा दी जाएगी।

6. सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा, ऐसे विवाह को शून्य माना जाएगा ।

7. स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देनी होगी। बिना प्रशासन की अनुमति के स्वेच्छा से भी धर्म परिवर्तन नहीं होगा।

सामूहिक तौर पर धर्म परिवर्तन का दोषी पाए जाने पर 3-10 साल तक की जेल औऱ कम से कम 50 हजार रुपये का जुर्माना होगा।

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