कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, कृषि आयुक्त पीसी मीना, प्रमुख सचिव राजेश राजौरा व सोपा प्रतिनिधि डेविश जैन इन देशों की यात्रा पर गए हैं।
यह दल पहले जापान, फिर चीन और अंत में वियतनाम जाकर सोयाबीन के लिए मार्केटिंग करेगा। चीन ने अभी भारत से सोयाबीन आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिसे खुलवाने की बात होगी। दरअसल, अमेरिका के साथ चीन के व्यापारिक संबंध गड़बड़ाने के बाद मप्र ने सोयाबीन निर्यात को लेकर चीन में बेहतर उम्मीद देखी है। चीन को सोयाबीन बेचने के लिए कई बार चर्चा हो चुकी है।
मुख्यमंत्री भी चीन के प्रतिबंध को खुलवाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से बात कर चुके हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने तय किया है कि जिन देशों में सोयाबीन की ज्यादा मांग रहती है, वहां निर्यात के लिए बात की जाए। इसके तहत चीन, जापान व वियतनाम का चयन किया है।
चीन 950, यूरोपीय यूनियन 172 व जापान 60 लाख टन सोयाबीन बाहर से आयात करता है। इसे देखते हुए मप्र का दल यहां के सोयाबीन को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने के लिए ब्रांडिंग करेगा। दल 21 अगस्त को रवाना हुआ है, जो सात दिन तक इन देशों में घूमेगा। वहीं, राज्य सरकार ने केंद्र से सोयाबीन को बांगलादेश निर्यात करने रेलवे की रैक उपलब्ध कराने की मांग की है, लेकिन अभी यह रैक नहीं मिल पाई है।
ऐसा है परिदृश्य…
11.50 करोड़ टन सोयाबीन की चीन को जरूरत
1.50 करोड़ टन सोयाबीन चीन में उत्पादित
950 लाख टन सोयाबीन चीन बाहर से आयात करता है
58.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदेश में सोयाबीन का रकबा
70 लाख टन सोयाबीन मप्र में उत्पादित होता है
60 लाख टन सोयाबीन जापान बाहर से आयात करता
मोहनलाल मीना, संचालक, कृषि विभाग, मप्र