बाजार का नजारा बदला हुआ है…
एमबीए छात्र तपन कुमार कहते हैं क्षेत्र में विकास की बात होती है, लेकिन युवाओं की बात कोई नहीं करता। उनके बीच हो रही चर्चा में यह भी सामने आया कि अवैध खनन भी यहां मुद्दा है। ये सब राजनीतिक संरक्षण में होने के आरोप भी हैं। होशंगाबाद के मुख्य बाजार का नजारा बदला हुआ है।
भाजपा के झंडे बैनर लिए लोग भाजपा प्रत्याशी सीतासरन शर्मा का इंतजार कर रहे हैं। शर्मा के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने उन्हें हार फूलों से लाद दिया। कार्यकर्ताओं से घिरे शर्मा से मैंने पूछा- विकास कार्य न होने से लोग नाराज हैं। शर्मा बोले, विकास कार्य दिख रहा है। आरोप बुनियाद हैं। इस बार की जीत पिछली बार से अधिक मतों से होगी।
इसके बाद मैं कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह से मिलने निकला। सरताज वे पैदल न चलकर समर्थकों के साथ गाडि़यों से चलते हैं। सरताज बोले, क्षेत्र में लोगों से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए। एक ही परिवार का यहां दबदबा रहा है, लेकिन अब एेसा नहीं चल पाएगा।
ब्राह्मण बाहुल्य सीट….
दो लाख से अधिक मतदाताओं वाली यह सीट ब्राह्मण बाहुल्य है। ब्राह्मण वर्ग के 65 हजार से अधिक मतदाता हैं। दूसरे नम्बर पर 50 हजार कुर्मी हैं। पिछड़ा वर्ग में शामिल सोनी, सैनी, माली सहित अन्य की संख्या 40 हजार है। इसके अलावा अन्य वर्ग के मतदाता शामिल हैं। भाजपा के बागी सरताज सिंह इस बार कांग्रेस के टिकट से मैदान में है। एेसे में भाजपा प्रत्याशी सीतासरन शर्मा के लिए अब यह सीट पहले की तरह आसान नहीं रही है।
ये हैं क्षेत्र के मुद्दे….
जिला अस्पताल में सुविधाएं नहीं हैं। एमडी मेडिसिन विशेषज्ञ नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को भोपाल रैफर कर दिया जाता है। जबकि, इस अस्पताल से आसपास के कई गांव जुड़े हुए हैं।
रोजगार के अवसर नहीं, उच्च तकनीकी व मेडिकल शिक्षा के लिए कुछ नहीं किया।
पर्यटन को लेकर कोई बढ़ावा नहीं। करोड़ों खर्च करने के बाद हर्बल पार्क तैयार किया, लेकिन दो नेताओं की लड़ाई में बर्वाद हो गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेठानी घाट को डेवलप करने की कोई खास योजना नहीं, जबकि इसे पर्यटन से रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।
नर्मदा में रेत का अवैध खनन यहां बड़ा मुद्दा है। इसमें राजनीतिक संरक्षण के आरोप भी लगते रहे हैं।
किसकी क्या है ताकत और कमजोरी…
सरताज सिंह, कांग्रेस
ताकत : दूसरी बार के विधायक हैं। सांसद भी रहे हैं। मंत्री रहते हुए क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया।
कमजोरी : भाजपा सरकार में मंत्री थे, उम्र को लेकर मंत्री पद छिना। उम्रदराज होने भाजपा ने किनारा किया।
सीतासरन शर्मा, भाजपा
ताकत : क्षेत्र की जनता ने चुनाव में शर्मा परिवार पर भरोसा किया। विकास कार्यों के दम पर जनता की बीच हैं।
कमजोरी ; परिवारवाद को बढ़ावा देना, परिजनों, रिश्तेदारों के अवैध खनन में शामिल होने के आरोप।
सीतासरन मेरे लिए चुनौती क्या होंगे? मैं तो उन्हें राजनीति में लेकर आया था। कांग्रेस ने मुझ पर भरोसा किया है, लोग मेरे साथ हैं। अब क्षेत्र में एक ही परिवार की तानाशाही नहीं चलेगी।
सरताज सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी
पार्टी ने जिसे सांसद, विधायक और मंत्री बनाया और अब वही पार्टी छोड़कर चला गया। उन्होंने मुझे सिद्धांत सिखाए, लेकिन वे ही सिद्धांतों का पालन नहीं कर रहे हैं। जनता सब जानती है, उन्हें जरूर सबक सिखाएगा।
सीतासरन शर्मा, भाजपा प्रत्याशी