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MP ELECTION 2018: राजधानी की सात सीटों पर चुनाव का खर्च 45 से 50 करोड़ रु!

locationभोपालPublished: Nov 17, 2018 10:55:22 am

कई अघोषित खर्चे है प्रत्याशियों के….

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MP ELECTION 2018: राजधानी की सात सीटों पर चुनाव का खर्च 45 से 50 करोड़ रु!

भोपाल। निर्वाचन आयोग ने भले ही विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी द्वारा खर्च की जाने वाली राशि 28 लाख रुपए तय कर रखी हो, पर कई खर्चे अघोषित भी हैं। इनमें कार्यकर्ताओं के जलपान, कार्यालयों पर रुकने वाले कर्मचारियों का खर्च समेत फूल-मालाओं, ढोल-नगाड़े की राशि आदि शामिल हैं। प्रचार के लिए छपवाए गए पोस्टर-बैनर के अलावा एेसे भी पोस्टर बांटे जाते हैं, जिनमें प्रिंटर का नाम ही गायब है।


मप्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शौकत मौहम्मद खान पर इसी के चलते आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज हो चुका है। विज्ञापन को लेकर गिरीश शर्मा पर भी प्रकरण दर्ज हुआ था। राजधानी में सात विधानसभा क्षेत्रों में 111 प्रत्यशी मैदान में हैं।

 

निर्वाचन आयोग की तय खर्च सीमा की बात करें तो राजधानी का चुनाव अधिकतम 31 से 32 करोड़ में सिमट जाना चाहिए। जानकारों के अनुसार यह राशि 45 से 50 करोड़ रुपए तक पहुंचेगी। निर्वाचन प्रक्रिया में सरकारी खर्च अलग है।

एक नवंबर से बढ़ गई शराब की बिक्री….
बैरसिया और शहर में कुल 90 शराब दुकानें हैं। एक नवंबर से एक से ढाई करोड़ रु. की शराब रोजाना बिक रही है। अक्टूबर में डेढ़ से पौने दो करोड़ प्रतिदिन थी।


जानकार बताते हैं कि बिना ऑफसेट और प्रिंटर के नाम के पोस्टर-बैनर का कारोबार 50 लाख रु. से ज्यादा का होगा।


राजधानी में 111 प्रत्याशी चुनाव में हैं। इनकी सभाओं में लगने वाले टैंट-साउंड सिस्टम का खर्च 60 लाख से ज्यादा होगा।

यह मैनेजमेंट भी….
जानकारों का कहना है कि बड़ी पार्टियों के अलावा अन्य दल और कुछ निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में कार्यकर्ताओं पर 35 से 40 लाख रुपए तक खर्च करेंगे। यह पैसा इसलिए खर्च किया जा रहा है ताकि कार्यकर्ता पूरे समर्पण के साथ काम करें और जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएं।


भोपाल जिले के 111 प्रत्याशियों में से अगर 70 ने भी बूथ मैनेजमेंट किया तो उसका खर्च 28 से 30 लाख रुपए तक पहुंच जाएगा। बूथ मैनेजमेंट सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।

सरकारी खर्च पर एक नजर….
32 हजार कर्मचारी: जिले की सात सीटों के 2259 बूथों पर चुनाव कराने 32 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी है। 20 प्रतिशत को रिजर्व रखा गया है।


वेतन मानदेय पर 4.80 करोड़: अफसर, कर्मचारी, पुलिस और विशेष बल को वेतन के अलावा 1000 से 3 हजार रुपए तक मानदेय देते हैं। 1500 रु. औसत मानें तो 4.80 करोड़ खर्च होगा।


परिवहन पर 4 करोड़: पोलिंग बूथों पर कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए करीब पंद्रह सौ वाहनों की जरूरत है। सवा चार करोड़ से ज्यादा का खर्च होगा।

 

टैंट पर एक करोड़ से ज्यादा : शहर के 1866 मतदान केंद्रों पर 1500 सौ टैंट-कनातों की व्यवस्था की है। इस पर करीब एक करोड़ खर्च होना है। इसमें टेबल-कुर्सियां भी शामिल हैं।


डेढ़ करोड़ में अन्य व्यवस्था: सामान्य व पिंक मतदान केंद्र, स्टेशनरी और वीवीपैट में लगने वाले कागज और स्याही आदि पर एक से डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

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