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MP ELECTION 2018: राजधानी से नजदीक फिर भी विकास से दूरी

locationभोपालPublished: Nov 20, 2018 10:05:59 am

Submitted by:

Amit Mishra

चुनावी चर्चा: भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के मण्डीदीप में युवाओं ने कहा….

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MP ELECTION 2018: राजधानी से नजदीक फिर भी विकास से दूरी

भोपाल/ मण्डीदीप। चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म है, हर कोई अपने तर्क और समीकरणों से गणित लगा रहा है। चाय-नाश्ते की दुकानों, सैलून, पान गुमठियों सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोग चुनावी चर्चा में मशगूल हैं। इस बार चुनाव के मुद्दे क्या हैं।

चाय की दुकान पर युवाओं की टोली…
प्रत्याशियों की चुनावी रणनीति और क्षेत्र के विकास के लिए कौन क्या रहा है, जैसी चर्चाएं हर जगह हो रही हैं। भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के पॉवर सेंटर मंडीदीप के इंदिरा नगर में चाय की दुकान पर युवाओं की टोली की अपनी ही सोच है।

शिक्षा और स्वास्थ्य के में पिछड़ापन…
शैलेन्द्र मीणा के अनुसार राजधानी के इतने नजदीक होने के बाद भी क्षेत्र में विकास नहीं हो पाया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत पिछड़ापन है। संदीप चौरसिया ने कहा कि लंबे समय से क्षेत्र एक पार्टी का गढ़ रहा है। कुछ काम ठीक हुए, लेकिन अभी बहुत गुंजाइश है।

पुराने प्रतिद्वंद्वियों के बीच मुकाबला…
जितेन्द्र गौर बोले- राजनीति में बदलाव होते रहना चाहिए, इससे क्षेत्र के विकास के प्रति जनप्रतिनिधि गंभीर बने रहते हैं। शिवपुरी गोस्वामी के अनुसार क्षेत्र में मुकाबला पुराने प्रतिद्वंद्वियों के बीच है। फिलहाल जो स्थिति है, उसमें कुछ कहा नहीं जा सकता।

कैलाश ने कहा कि जनप्रतिनिधि का आकलन उसके द्वारा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों और जनता से जुड़ाव के आधार पर होता है। हम सब को भी इसी आधार पर क्षेत्र के समग्र विकास को तरजीह देने वाले प्रत्याशी का चयन करना चाहिए। मनीष राज सोनी कहते हैं कि क्षेत्र में मुकाबला इस बार कांटे का लग रहा है। वैसे अब आने वाला वक्त ही तय करेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।

पुराने और नए शहर में बंटा क्षेत्र, विकास में नहीं बन पाया संतुलन….

उधर भोपाल की मध्य विधानसभा सीट का आधा हिस्सा नए शहर में है तो आधा पुराने में। नए शहर में कॉलेज, स्कूल, अस्पताल एवं व्यवस्थित बाजार हैं। पुराने शहर की पहचान संकरी गलियां, नाले, गंदगी के ढेर पर बस्तियों और बेतरतीब बाजार हैं।

 

समस्याओं के समाधान का दावा विधायक, पार्षद सहित अफसरों ने किया, पर हुआ कुछ नहीं। मध्य में पीसी नगर, बाबा नगर जैसी समस्याग्रस्त कॉलोनियां हैं। जातिगत समीकरण: यहां 87 हजार मुस्लिम वोटर हैं। इसके बाद कायस्थ और ब्राह्मण समाज के सबसे अधिक वोट हैं। दलित, ठाकुर, गुर्जर जो बाहरी क्षेत्रों से आकर बसें हैं, इनकी भी अच्छी खासी संख्या है।


ई-1 से ई-4 और इससे लगी बड़ी कॉलोनियों में मतदान बहुत कम होता है। वहीं, पुराने शहर में सबसे अधिक मतदान होता है। मध्य में कुल दो लाख 31 हजार 38 मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या एक लाख 21 हजार 119 तो महिला मतदाता एक लाख 9 हजार 925 हैं।

क्षेत्र के 5 बड़े मुद्दे…
अतिक्रमण: फुटपाथ से लेकर हर जगह हाथ ठेले, गुमठियोंं से पटी हुई है।
ट्रैफिक: पुराने शहर में संकरी सड़कों के कारण तो नए में ट्रैफिक दबाव अधिक होने से जाम लगता है।
बस्तियां: बस्तियों में नल-जल, सफाई की समस्या।
असंतुलित विकास: एक समान विकास का अभाव।
बाजार: बाजारों का सही से विकास नहीं होने के कारण भी समस्या है।

अतिक्रमण मध्य ही नहीं पूरे शहर की समस्या है। हॉकर्स कॉर्नर में शिफ्ट करेंगे। ट्रैफिक की समस्या के लिए फ्लाइओवर के प्रस्ताव तैयार होंगे।
सुरेंद्र नाथ सिंह, भाजपा प्रत्याशी

क्षेत्र में कई विसंगतियां हैं।चौपाल लगाकर जन भागीदारी से हर समस्या का निदान किया जाएगा। ट्रैफिक के लिए अंडर पास और फ्लाइओवर भी बनाए जाएंगे।
आरिफ मसूद, कांग्रेस प्रत्याशी

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