scriptGround Report mp : राज की लड़ाई में त्रिकोण में उलझा राजनगर | madhyapradesh-election : Rajanagar vidhan sabha seat Triangle Confused | Patrika News
भोपाल

Ground Report mp : राज की लड़ाई में त्रिकोण में उलझा राजनगर

कांग्रेस के बागी पूर्व सांसद के बेटे ने बदला मुकाबले का रुख….

भोपालNov 21, 2018 / 01:53 pm

Amit Mishra

Mp mahamukabala

Mp mahamukabala

राजनगर अरुण तिवारी की रिपोर्ट…

राजनगर विधानसभा क्षेत्र के एक सिरे पर खजुराहो का वैभव तो दूसरे पर भडर और रामपुरा जैसे बदहाल गांव हैं। क्षेत्र के गांवों में घुसते ही टूटे- फूटे रास्तों से दो चार होता हूं। रगौली गांव में पीपल के पेड़ के नीचे बैठे टेकचंद कहते हैं कि सड़कें बहुत खराब हैं। ये बन जाएं तो बारिश में आना-जाना न रुके।

आगे बढ़ा तो रामपुरा गांव के खेत पर बैठे किसान किशनलाल कहते हैं कि उनकी फसल रोझडा यानी नील गाय खा जाती हैं। इस पर बात होनी चाहिए। झिन्ना गांव के मुकेश ने कहा कि उनकी वोट रोजगार के मुद्दे पर जाएगी।

दबदबा दिखाने की कोशिश…
कांग्रेस ने दो बार के विधायक विक्रम सिंह नातीराजा को फिर मौका दिया है, जबकि भाजपा ने युवा मोर्चे से जुड़े अरविंद पटैरिया को नए चेहरे के रूप में मैदान में उतारा है। मुकाबला यहीं खत्म नहीं होता, क्योंकि इसे त्रिकोणीय बनाने के लिए कांग्रेस के बागी सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे नितिन समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। चुनाव में विनोद पटेल भी हाथी की सवारी कर अपना दबदबा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

बदलते दिख रहा है चेहरे का भाव…

नातीराजा को खोजने में चार घंटे लग गए। रामपुरा के पास एक संकरी गली से निकल रही उनकी गाड़ी दिखी। उनकी मूंछों पर ताव तो वैसा ही है, लेकिन चेहरे का भाव बदलते दिख रहा है। शाही परिवेश में पले-बढ़े नातीराजा को इस बार के समीकरणों में गांवों की खाक छाननी पड़ रही है। नितिन के आने से नातीराजा को चुनावी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।


सपा मुकाबले में नहीं…
नितिन को ब्राह्मण जाति के वोटों पर भरोसा है। इस क्षेत्र में 20000 ब्राह्मण वोटर हैं। नितिन को पिता पूर्व सांसद सत्यव्रत की साख का सहारा है। सत्यव्रत कांग्रेस को धोखेबाज बताकर बेटे के पक्ष में वोटरों से वोट मांग रहे हैं। वे कहते हैं कि तीन बार से टिकट का इंतजार करते रहे। सब्र टूट गया तो मैदान में उतरना पड़ा।

हालांकि, नातीराजा दावा करते हैं कि सपा मुकाबले में नहीं है। मैं तो भाजपा से ही अपनी टक्कर मानता हूं। वे जनता की समस्याओं पर कहते हैं, हमारी सरकार बनेगी तो न सिर्फ रोझडों पर कानून बनेगा, बल्कि गांवों के पहुंच मार्ग भी मुख्य सड़क की तरह हो जाएंगे।

अपना अपना दावा…
उधर, भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटैरिया के साथ प्रचार में काफिला नहीं है। उन्हें मोदी-शिवराज की योजनाओं के सहारे सेवक बनने का भरोसा है। वे कहते हैं, हमारी पार्टी की सरकारों ने केंद्र और प्रदेश में जो विकास कार्य कराए हैं, वे मेरी जीत के आधार होंगे। उनका कहना है कि सड़क, बिजली, पानी से जुड़े जो काम दस साल से कांग्रेस विधायक होने के कारण नहीं हुए, वे अगले एक साल में पूरे हो जाएंगे।

 

जातीय समीकरण…
नातीराजा को मिलने वाला ब्राह्मण वोट तीन हिस्सों में बंटने के आसार हैं। अब इस वोट पर नितिन और अरविंद पटैरिया की भी दावेदारी है। यादव समाज पर सत्यव्रत का प्रभाव माना जाता है।

प्रत्याशियों की ताकत और कमजोरी…

विक्रम सिंह नातीराजा, कांग्रेस
ताकत: दो बार विधायक। राजघराने का प्रभाव। गरीबों में लोकप्रियता।
कमजोरी: सरकार न होने के कारण विकास नहीं करा पाए, जिससे लोगों में असंतोष।

अरविंद पटैरिया, भाजपा
ताकत: पीएम मोदी और सीएम शिवराज का नाम। संगठन की
कमजोरी: क्षेत्र में नया चेहरा, लोगों के बीच अपनी पहचान का संकट।

नितिन चतुर्वेदी, समाजवादी पार्टी
ताकत: पिता पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी क्षेत्र के बड़े ब्राह्मण नेता, यादव समाज में अच्छा प्रभाव।

कमजोरी: खुद की जनता के बीच कोई छवि नहीं है। पिता के सहारे ही चुनाव जीतने की कोशिश।


घोषणाओं पर चुनावी संग्राम
पूर्व कांग्रेस सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे नितिन ने मुकाबले में त्रिकोण लाने के साथ ही कांग्रेस विधायक और प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा की चुनौती बढ़ा दी है।


10 साल में विधायक
2013 विक्रम सिंह नातीराजा, कांग्रेस
2008 विक्रम सिंह नातीराजा, कांग्रेस

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो