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गौर के सुर बदले, बोले- मैं पार्टी का आदेश मानूंगा

locationभोपालPublished: Nov 06, 2018 10:39:44 am

नुकसान भांपकर बागियों को मनाने की कवायद….

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गौर के सुर बदले, बोले- मैं पार्टी का आदेश मानूंगा

भोपाल। कांग्रेस-भाजपा द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा करने के बाद किसी सीट पर बगावत ने प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी। दक्षिण पश्चिम से 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे संजीव सक्सेना निर्दलीय दावेदारी जता रहे हैं तो बैरसिया सीट पर भी भाजपा के पूर्व विधायक ब्रह्मानंद रत्नाकर खफा हैं।

सोमवार को दोनों ही सीटों पर घोषित प्रत्याशियों ने प्रतिद्वंद्वियों को मनाने की जद्दोजहद की। कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा ने संजीव सक्सेना को अपने निवास पर बुलाकर एक घंटे बात की। बैरसिया में पूर्व विधायक ने नामांकन फॉर्म लिया तो विष्णु खत्री भी रत्नाकर को मनाने के लिए उनके घर पहुंच गए। लेकिन रत्नाकर नहीं मिले।


मध्य-हुजूर में उठ रहे हैं बगावत के स्वर….
मध्य से पूर्व विधायक धु्रवनारायण सिंह ने टिकट पर पुनर्विचार की मांग की है। हुजूर से रामेश्वर शर्मा को श्याम सिंह मीणा, पूर्व विधायक जितेंद्र डागा और भगवान दास सबनानी चुनौती बने हुए हैं, लेकिन शर्मा निश्चिंत बने हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने की गौर से बात…
उधर बागी तेवर दिखा रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हुई बातचीत के बाद सुर बदल गए हैं। निर्दलीय चुनाव लडऩे की बात से पलटते हुए कहा, मैं पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता हूं, पार्टी का आदेश मानूंगा।

कृष्णा गौर की टिकट को लेकर उन्होंने कहा कि अभी गोविंदपुरा सीट घोषित नहीं हुई है। कृष्णा पार्टी की कार्यकर्ता हैं और मुख्यमंत्री ने नाम पर विचार का आश्वासन दिया है। गौर यह साफ किया कि वे और कृष्णा निर्दलीय पर्चा नहीं भरेंगे।

इनका कहना है…
संजीव से मेरी बात हुई हैं। दूसरी पार्टी का भी प्रत्याशी सामने होगा तो रास्ता निकालने के लिए बातचीत तो होगी ही। उन्होंने अभी कुछ नहीं कहा है, लेकिन बात चल रही है। मैं उनकी बात वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाऊंगा।

पीसी शर्मा, कांग्रेस प्रत्याशी, दक्षिण-पश्चिम

पार्टी के कई कार्यकर्ता हैं जो चुनाव की बात कर रहे हैं, इसलिए उनसे शिष्टाचार के नाते सौजन्य भेंट कर रहा हूं। ब्रह्मानंद रत्नाकर के पास भी मिलने गया था, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।
विष्णु खत्री, भाजपा प्रत्याशी, बैरसिया
धुव्रनारायण सिंह ने समर्थकों को बुलाकर टिकट की मांग उठाई है। सभी को अपना मत रखने का अधिकार हैं। वो पार्टी के कार्यकर्ता हैं, इसलिए नुकसान का डर नहीं हैं।
-सुरेंद्र नाथ सिंह, भाजपा प्रत्याशी, मध्य
मुझे किसी से कोई खतरा नहीं है। डागा हो, श्याम मीणा हो या सबनानी। किसी का डर नहीं, मुझे पूरा विश्वास है कि एक लाख से अधिक वोटों से जीतूंगा।
रामेश्वर शर्मा, भाजपा प्रत्याशी, हुजूर
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