भाजपा ने 24, कांग्रेस ने 28 और आप ने 17 महिलाओं को मौका दिया है। प्रदेश की छह सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इनमें से एससी के लिए आरक्षित भांडेर से कांग्रेस की रक्षा सरोनिया और भाजपा की रजनी प्रजापति के बीच सीधी टक्कर है। जैतपुर में उमा धुर्वे और मनीषा सिंह आमने-सामने हैं।
मानपुर सीट में भाजपा की वरिष्ठ विधायक मीना सिंह का कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह, शमशाबाद में कांग्रेस की ज्योत्सना यादव व भाजपा की राजश्री सिंह, नेपानगर में सुमित्री देवी कसडकर और धार में भाजपा की नीना वर्मा के सामने कांग्रेस की प्रभा सिंह गौतम हैं।
यहां दोनों दलों के प्रत्याशियों में आमने-सामने का मुकाबला है। अगर बसपा, आप और सपा ने कोई बड़ा उलटफेर नहीं किया तो जीत तय है।
2013 में 30 महिला विधायक जीतीं…
महिलाओं के लिहाज से 2013 का चुनाव बड़ा टर्निंग प्वॉइंट रहा। रेकॉर्ड 30 महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। इनमें चार को मंत्रिमंडल में जगह भी मिली थी। हालांकि, इनमें से एक मंत्री का टिकट काट दिया गया और वे मैदान में नहीं हैं। महिलाओं के लिए सबसे खराब 1972 का चुनाव था जब एक भी विधायक नहीं बन पाईं थीं।