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Election 2018: चुनाव के ठीक पहले MP में मचा घमासान, शास्त्री बोले में अभी भी संरक्षक

locationभोपालPublished: Oct 31, 2018 07:25:58 am

सपाक्स में दो फाड़ से और बढ़ी तकरार, साहू बोले राजनीतिक मोहरा बन रहे हैं शास्त्री…

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भोपाल। विधानसभा चुनाव से राजनीतिक उम्मीदें संजोए सपाक्स के दो फाड़ होने के बाद अब अजब हालात बन गए हैं।

सपाक्स संरक्षक ललित शास्त्री ने नई कार्यकारिणी घोषित करके काम करने का ऐलान कर दिया है, जबकि सपाक्स संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी एंड टीम चुनाव पर फोकस कर रही है। इस पूरे विवाद की कहानी शास्त्री के इस्तीफे पर टिकी है।
त्रिवेदी एंड टीम का तर्क है कि जो इस्तीफा दे चुका, वो कैसे नई नियुक्ति कर लेगा। इस पर शास्त्री का साफ कहना है- हां, मैंने इस्तीफा दिया था। लेकिन, इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। इसके सारे मिनिट्स कार्यवाही विवरण में हैं। इसके बाद अब मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
यूं जानिए कैसे चली सपाक्स के दो फाड़ की कहानी…-


सीधी बात: ललित शास्त्री, संरक्षक सपाक्स
– आपने इस्तीफा दिया, फिर आपको कार्यकारिणी बनाने का अधिकार कैसे?
-. मैंने इस्तीफा दिया था, लेकिन वह अमान्य हो गया था। तब कोर टीम के आग्रह पर इस्तीफा वापस ले लिया था। मैं अभी भी सपाक्स संरक्षक हूं। इसी अधिकार से कार्यकारिणी बनाई।
– फिर सपाक्स संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी व प्रांताध्यक्ष केएल साहू क्या हैं?
-. उनकी नियुक्ति ही गड़बड़ है। इनकी कोई वैधानिकता नहीं। जब मैंने उनकी नियुक्ति ही नहीं की, तो फिर कैसे उनकी नियुक्ति मानी जाएगी।
– अब आगे क्या करेंगे?
-. सपाक्स के लिए काम कर रहे हैं। चुनाव आयोग को लिखा है कि सपाक्स पार्टी को राजनीतिक काम न करने दें, क्योंकि इससे सामाजिक संस्था के नाम समान होने से जनता में भ्रम होता है।
ये बोले केएल साहू, प्रांताध्यक्ष सपाक्स…
– सपाक्स की नई कार्यकारिणी गठित हुई है, तो आपकी नियुक्ति कितनी सही?
-. शास्त्री को नियुक्तियों का अधिकार ही नहीं है। वे इस्तीफा दे चुके थे, फिर कैसे नियुक्ति कर सकते हैं। जिस बैठक में हमारी नियुक्ति हुई, उसमें सभी जिलों से प्रतिनिधि आए थे।
– क्या एफआईआर कराएंगे?
-. हमारा फोकस अभी चुनाव है। सपाक्स समाज की छह महीने की सफलता के कारण शास्त्री अब इसका फायदा उठाना चाहते हैं। वे मोहरा बने हुए हैं।

– शास्त्री ने चुनाव आयोग को लिखा है कि आपकी सपाक्स पार्टी अवैध हैं, तो आप कोई कार्रवाई करेंगे?
-. उनके लिखने से कुछ नहीं होता। हमारे पास सारे दस्तावेज हैं। चुनाव आयोग को लिखे या जिसे मर्जी हो लिखे, हमें उससे कोई लेना-देना नहीं। हम जनता के बीच जा रहे हैं, जनता सब जानती है।
केएल साहू की नियुक्ति पर खड़े किए सवाल…
शास्त्री ने संरक्षक के तौर पर पीएस परिहार को कार्यकारी अध्यक्ष से हटाकर नई टीम गठित कर दी। जबकि सपाक्स समाज की ओर से केएल साहू प्रांताध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे।
शास्त्री ने साहू का कोई वजूद प्रांताध्यक्ष के तौर पर होने से नकार दिया है। उनका तर्क है कि साहू की नियुक्ति ही गड़बड़ है। वे संरक्षक हैं और इसी अधिकार से नई नियुक्ति कर दी है। इस बीच साहू की नियुक्ति किसी ने नहीं की।
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