जिस टनल को कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए बनाया, उस पर अब प्रतिबंध लगाया
हाइपोक्लोराइड स्प्रे से हो रहा त्वचा को नुकसानदायक, उधर त्वचा रोग विशेषज्ञों ने कहा- बाहरी क्षेत्रों के लिए लाभदायक

भोपाल. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लोग नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। सैनेटाइजर से लेकर अन्य केमिकल के दावे किए जा रहे हैं। इनमें से सबसे आम है डिसइन्फेक्शन टनल, लेकिन अब इनके साइड इफेक्ट भी दिखाई देने लगे हैं। कई राज्यों में इसके साइड इफेक्ट को देखते हुए इन टनल को प्रतिबंधित कर दिया गया है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने भी प्रदेश में इसके निर्माण पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा जारी निर्देश सभी कलेक्टर, सीएमएचओ नगर निगम आयुक्त और नगर पालिका सीएमओ को भेजे गए हैं। इसमें कहा गया है कि टनल में हाइपोक्लोराइड का स्प्रे त्वचा और आंखों के लिए नुकसानदेह है। हालांकि शहर के त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि टनल नुकसानदायक नहीं है। अगर उसमें सही रसायन का उपयोग किया जाए तो टनल संक्रमण रोकने का बेहतर उपाय हो सकता है।
विभाग का तर्क- भ्रम होता है
स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि टनल से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। लोगों को लगता है कि स्प्रे के बाद उन्हें हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत नहीं है। ये टनल लोगों को सुरक्षा का झूठा आश्वासन दे रही है। इस टनल का उपयोग अस्पतालों और सभी दफ्तरों में तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
सही केमिकल हो तो बेहतर
मामले में वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग तिवारी कहते हैं कि सोडियम हाइपोक्लोराइड का उपयोग निर्जीव चीजों के लिए होता है। इसके संपर्क में आने से हाथ, आंखों में जलन, गले में खराश, स्किन एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है। वे यह भी कहते हैं कि यह केमिकल का दोष है, टनल का नहीं। अगर टनल में अल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर का उपयोग करें तो नुकसान नहीं होगा। हालांकि इसके भी आंखों में जाने से नुकसान होने की आशंका रहती है।
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