शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि को महानवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति को सभी देवियों की पूजा का फल मिल सकता है। आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने का क्या है शुभ मुहूर्त और विधि।
ऐसे करें पूजा-अर्चना
पंडित सत्यनारायण भार्गव के अनुसार, नवमी पर मां सिद्धिदात्री को नवाह्न प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए। सबसे पहले कलश की पूजा कर सभी देवी-देवताओं का ध्यान करना चाहिए। फिर माता के मंत्रों का जाप कर पूजा करनी चाहिए। इस दिन नौ कन्याओं को घर में भोग लगाना चाहिए। नव-दुर्गाओं में सिद्धिदात्री अंतिम है और इनकी पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। साथ ही इस तरह से की गई पूजा से माता अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न होती है।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।