मेल सिंगर दो गानें गाकर पॉपुलर हो जाते हैं, फीमेल सिंगर को हर बार प्रूव करना पड़ता है
प्लेबैक सिंगर आस्था गिल ने कहा- जेंडर इक्विलिटी पर बात करनी होगी

भोपाल। समाज से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक मेल डोमिनेटेड है। मेल सिंगर के यदि दो गानें हिट हो जाएं तो इंडस्ट्री में उनका नाम हो जाता है। फीमेल सिंगर को सालों तक अपने आपको प्रूव करना पड़ता है। मेरे भी कई गानें सुपरहिट हुए हैं, मुझे उस दिन का इंतजार है जब इंडस्ट्री में मेरी अलग ही पहचान होगी। जेंडर इक्विलिटी पर अभी बहुत काम होना बाकी है। यह कहना है प्लेबैक सिंगर आस्था गिल का। गुरुवार को वे एलएनसीटी कॉलेज में प्लेनेट इंजीनियर फेस्ट में परफॉर्मेंस देने आईं। इस दौरान उन्होंने गिन गिन, बज, डीजे वाले बाबू... जैसे गानों पर परफॉर्म किया।
यूथ की डिमांड पर हो रहा रीमिक्स
उन्होंने पत्रिका प्लस से बातचीत करते हुए कहा कि यूथ आज हर तरह का म्यूजिक सुनना पसंद करता है। यूथ को इंग्लिश म्यूजिक पसंद है तो मेलोडियस सॉन्ग्स भी। यूथ की डिमांड पर ही पुराने गानों को रीमिक्स कर पेश किया जा रहा है। मैं खुद भी एक यूथ हूं और यूथ की नब्ज को समझती हूं।
जॉब की बजाए म्यूजिक को चुना
उन्होंने कहा कि रफ्तार भाई कॉलेज में मेरे सीनियर थे, उन्होंने कॉलेज में मुझे गाना गाते सुना। इसके बाद हमने कुछ गानों में एक साथ काम किया। मैं तो एडवरटाइजिंग में काम कर रही थी। एक दिन अचानक उनका कॉल आया कि एक सॉन्ग की रिकॉर्डिंग करनी है। मैंने जॉब की बजाए म्यूजिक को चुन लिया। उन्होंने ही मुझे बादशाह सर से मिलवाया और फिर हमने डीजे वाले बाबू... साथ गाया। उन्होंने कहा कि बादशाह मुझसे हमेशा कहते हैं कि उनकी आवाज के साथ मेरी आवाज को ऑडियंस पसंद करती है। वे मुझे छोटी बहन जैसा ट्रीट करते हैं। उन्होंने कहा कि आजकल ऑडियंस का म्यूजिक को लेकर टेस्ट जल्द ही बदल जाता है। यदि सिंगल्स ही बनाए तो ज्यादा समझदारी होगी। जब एक गाना मार्केट में आकर हिट हो जाता है तो दूसरा गाना भी वायरल हो जाता है। इससे अच्छा है कि आप अपने सिंगल्स के जरिए अपने टैलेंट के साथ नए गाने बनाते रहें।

सिंगर न होती तो एड डिजाइनर होती
उन्होंने कहा कि यदि मैं सिंगर के रूप में करियर न बनाती तो एक अच्छी एड डिजाइनर जरूर बनती। सिंगिंग के साथ एडवरटाइजमेंट डिजाइनिंग भी मेरी स्ट्रीम थी। उन्होंने कहा कि किसी भी काम में सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ टिके रहना भी जरूरी है। सफलता एक दिन में हासिल नहीं होती। कई लोग हताश होकर बीच में ही अपने काम को अधूरा छोड़ देते हैं। आज हर प्रोफेशन में कॉम्पीटिशन है। ऐसे में सफलता के लिए आपको लम्बे समय तक मैदान में डटे रहना पड़ेगा।
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