मध्यप्रदेश में संरक्षित बैगा जनजाति के लोगों को जड़ी-बूटियों की पहचान और उपयोग की क्षमता के चलते प्राकृतिक वैद्य माना जाता है, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के चलते यह वर्ग मौजूदा समय में कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है।
एमपी के मंडला जिले में हुई रिसर्च
हालात ये हैं कि बैगा जनजाति बाहुल्य जिले मंडला के दूरदराज के गांवो में आदिवासी ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग समेत टीबी और रक्त की कमी से होने वाली समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसका खुलासा आइसीएमएआर जबलपुर के रिसर्च फैलो द्वारा की गई शुरुआती रिसर्च में हुआ है। इसके पहले एम्स भोपाल द्वारा किए गए भ्रमण में भी ये समस्याएं सामने आई थीं।
बीमारियां बढऩे की ये हैं मुख्य
-दूषित पेजयल का उपयोग
-पर्याप्त पोषण न मिलना
-हाइजीन की कमी
-प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ की कमी
-शासन से मिले राशन का उपयोग भोजन के रूप में नहीं करना
-प्रोटीन आधारित खाद्य सामग्री की कमी।
-कोदो-कुदकी का उपयोग न कर, इसे बेचकर जीवन यापन
दूषित पेयजल और खाने में अधिक नमक बना परेशानी
रिसर्च में पता चला कि बैगा आदिवासी दूषित और बेहतर हाइजीन नहीं होने की वजह से त्वचा रोग के शिकार हुए हैं। प्रारंभिक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलने से रोग लगातार बढ़ रहा है। यहां अधिकतर जगह पर शुद्ध पेजयल नहीं है। इसी तरह भोजन में पर्याप्त पोषण नहीं मिलने और नमक का अधिक उपयोग करने से बड़ी आबादी हाइपरटेंशन का शिकार है।
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ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने ये करें उपाय
-नमक का सेवन जितना जरूरी है उतना ही करें।
-अधिक मसालेदार तले, गले खाद्य प्रदार्थ नहीं खाएं।
-अत्यधिक तनाव नहीं लें।
-एकांत से बचें और संगीत सुने।
-रोजाना टहलने जरूर जाएं।
-दिन में एक बार कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज जरूर करें।
-गर्मी के दिनों में भरपूर पानी पीएं।
-अधिक चाय-कॉफी की जगह फलों का ज्यूस पीएं।
-इसके बाद भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है तो देर नहीं करें, चिकित्सक को जरूर दिखाएं।