सूर्य के मकर राशि में प्रवेश की अवधि करीब 70 साल में एक दिन आगे बढ़ जाती है, इस कारण पिछले कुछ वर्षों से सूर्य 14 जनवरी की रात्रि में मकर राशि में प्रवेश कर रहा है और 15 जनवरी को यह पर्व मनाया जा रहा है। आंचलिक विज्ञान केंद्र के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रबॉल राय का कहना है कि सब कुछ प्रकृति के नियमों के अनुरूप ही होता है। सूर्य सहित सभी ग्रह अपनी गति और चाल से चलते हैं। 22 दिसम्बर के बाद सूर्य उत्तरायण होते हैं और उत्तरी गोलार्ध की ओर बढऩे लगते हैं। इसके बाद दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है।
70 साल में 1 दिन बढ़ जाता है संक्रांति काल
ज्योतिष मठ संस्थान के संचालक विनोद गौतम का कहना है कि निर्णयन राशि सूर्य से आगे जाने के कारण पर्वकाल में अंतर आता है। सूर्य हर राशि में करीब एक माह तक रहता है। अधिकमास में सूर्य संक्रांति नहीं होती। जब 25 अधिकमास हो जाते हैं, तो संक्रांति पर्व एक दिन आगे बढ़ जाता है। इस तरह करीब 70 साल में एक दिन संक्रांति का बढ़ जाता है।
ज्योतिष पक्ष: 4 बिंदुओं पर सूर्य बदलता है मार्ग
एस्ट्रोलाजिस्ट अंजना गुप्ता का कहना है कि अंतरिक्ष में चार ऐसे केंद्र बिंदू है, जहां सूर्य अपना मार्ग बदलता है। ये चार बिंदू है मेष, कर्क, तुला और मकर। मेष और तुला बिंदू को हम बसंत सम्पात और शरद सम्पात कहते हैं, इसी प्रकार कर्क और मकर को ग्रीष्म और शीत सम्पात कहा जाता है। ये चारों बिंदु मूलत: सूर्य के दिशा के परिवर्तन द्वार है। एक साल में पृथ्वी 365 दिन 6 घंटे और 50 सेकेंड घूमती है, जब चार साल होते हैं तो एक दिन फरवरी का और जोडऩा पड़ता है, तब फरवरी 29 दिन की होती है। इस तरह तकरीबन 70 साल में मकर संक्रांति उत्तरायण के रूप में एक दिन जुड़ जाता है।
वैज्ञानिक पक्ष: धुरी के घूमने से तिथि परिवर्तन
खगोलशास्त्री आलोक मांडवगणे के अनुसार पृथ्वी के धुरी के घूमने के कारण तिथि में परिवर्तन होता है। यह चक्रकरीब 26000 हजार सालों का है। हजारों साल पहले साल के सबसे छोटे दिन (अब 22 दिसंबर) को सूर्य उत्तरायण हो जाता था। पृथ्वी की धुरी पर घूमने के कारण धीरे-धीरे तिथियों में परिवर्तन होने लगा। अब तक हम 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाते रहे हैं। हजारों साल पहले सबसे छोटे दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता था। पृथ्वी के धुरी के घूमने के कारण मकर राशि में प्रवेश आगे होता गया। अब सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी को प्रवेश कर रहा है। इसे साइंस में हम प्रिसेसनल सर्किल कहते हैं।