शाम को कई भक्त फूलों और कपूर की ज्योति से सजी थाली लेकर आए थे, इस पूजन थाली के साथ भक्तों ने तीन परिक्रमाएं देकर भगवान की पूजा की। इसके बाद भजन और प्रसाद वितरण हुआ।
51 दिवसीय मकरविलक्कू पर्व सम्पन्न
51 दिवसीय मकरविलक्कू पर्व की शुरुआत 15 नवम्बर से हुई थी, 12 वें दिन पर पहला पड़ाव पूरा हुआ जिसमें भगवान की फूलों की सजावट करने के साथ दीपमाला सजाकर पूजन-अर्चन की गई। इसके बाद बाद 41 वें दिन 26 दिसम्बर को दूसरा पड़ाव पूरा हुआ जिसमें भगवान की विशेष पूजा हुई। आखिर में 51 वें दिन 14 जनवरी को मुख्य पूजा के साथ पर्व सम्पन्न हुआ।
51 दिवसीय मकरविलक्कू पर्व की शुरुआत 15 नवम्बर से हुई थी, 12 वें दिन पर पहला पड़ाव पूरा हुआ जिसमें भगवान की फूलों की सजावट करने के साथ दीपमाला सजाकर पूजन-अर्चन की गई। इसके बाद बाद 41 वें दिन 26 दिसम्बर को दूसरा पड़ाव पूरा हुआ जिसमें भगवान की विशेष पूजा हुई। आखिर में 51 वें दिन 14 जनवरी को मुख्य पूजा के साथ पर्व सम्पन्न हुआ।
संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। पिछले वर्षों में जहां भजन कार्यक्रम रात तक होते इस वर्ष संक्रमण और 10 बजे से लगने वाले लॉकडाउन को देखते हुए केवल सवा घंटे भजन किए गए और आठ भजन समाप्त करके समय पर पूजन सम्पन्न कर दी गई।