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प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने लगाया विधानसभा अध्यक्ष पर यह आरोप…

locationभोपालPublished: Jul 15, 2018 04:15:53 pm

प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने लगाया विधानसभा अध्यक्ष पर यह आरोप…

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प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने लगाया विधानसभा अध्यक्ष पर यह आरोप…

भोपाल। होशंगाबाद में सरकारी जमीन, स्कूल पर कब्जे के मामले में प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष के बयानों को गलत बताया है।
मानक अग्रवाल की पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि विधानसभा अध्यक्ष झूठ बोल रहे हैं कि यह अतिक्रमण नहीं है। आज भी होशंगाबाद में स्कूल और दुकानों की जमीन सरकारी रिकार्ड में नजूल भूमि दर्ज है। वर्तमान कलेक्टर द्वारा कराई गयी जांच में इस तथ्य की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने शासन से मांग की है कि शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए स्कूल और अवैध दुकानों को तत्काल तोड़ा जाए।

अग्रवाल ने अपने दावे के समर्थन में नजूल रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व में भी तत्कालीन कलेक्टर आशीष उपाध्याय ने 29 जनवरी 2003 को मुख्यमंत्री के सचिव को सूचित किया था कि राजस्व अभिलेखों में नजूल की शीट नंबर 43 में प्लाट नंबर 15/3 ‘खेल का मैदान नजूल’ दर्ज है। इसका रकबा एक लाख 88 हजार 100 वर्गफुट है। यह जमीन एसएनजी स्कूल से लगी होने के कारण इसे एसएनजी स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। कलेक्टर ने लिखा था कि यहां स्टेडियम के निर्माण के लिये नर्मदा शिक्षा समिति (एनईएस) को कार्य एजेंसी बनाया गया था। समिति होशंगाबाद में विद्यालय चलाती है और कलेक्टर इसके पदेन अध्यक्ष हैं।

मानक अग्रवाल ने बताया कि आजादी के पहले सन् 1929 की नजूल शीट क्रमांक 43 मेें प्लाट क्रमांक 15/1 रकबा 2 लाख 47 हजार 500 वर्गफुट हिन्दी स्कूल म्युनिस्पल के नाम से दर्ज था। इसी शीट में प्लाट क्रमांक 15/2 एक लाख 36 हजार 776 वर्गफुट एवीएम स्कूल के नाम से दर्ज था। सरकार ने यह जमीन 1949 में नर्मदा एजुकेशन सोसायटी, होशंगाबाद को दे दी।

बाद में सन् 1955-56 में प्लाट क्रमांक 15/1 रकबा 2 लाख 47 हजार 500 वर्गफीट में से हिस्सा कर प्लाट क्रमांक 15/3 बनाया गया। इसका रकबा 1 लाख 88 हजार 100 वर्गफुट है। इस जमीन को सरकार ने नर्मदा एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित न्यू इंग्लिश हाई स्कूल होशंगाबाद को अपने नियम और शर्तों के अनुसार दिया गया। यह तथ्य राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया गया।

अग्रवाल ने कहा कि इसके बाद शासन ने 18 मई 1960 को यह जमीन पुनः वापस लेकर नजूल में दर्ज कर ली। अब शासन 1949 में जो प्लाट नंबर 15/2 रकबा 1 लाख 36 हजार 778 वर्गफुट नर्मदा एजुकेशन सोसायटी को दिया था, उसे भी सन् 72-73 में नियमों का उल्लंघन करने के कारण वापस ले लिया जो आज की तारीख तक शासन के कब्जे में है।

शासन की इस जमीन में से 15/1 के 32 हजार वर्गफुट पर अतिक्रमण कर भवन बनाकर पंडित रामलाल शर्मा स्कूल संचालित किया जा रहा है। इस पर तीन मंजिला भवन बनाया गया है, जिसका निर्माण एरिया एक लाख वर्गफुट है। यह बिना अनुज्ञा के किया गया अवैधानिक कार्य है।

इधर,मुख्यमंत्री के बयान पर कांग्रेस का पलटवार..
वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि आज शिवराज सिंह की इंदौर में मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि जिस शिवराज ने ख़ुद आज से 5 वर्ष पूर्व अपनी जनआशीर्वाद यात्रा के समय भगवान महाकाल को चिट्ठी लिख, उसमें उनसे झूठे वादे किये थे, वो आज कांग्रेस की चिट्ठी पर सवाल उठा रहे है।
कमलनाथ की चिट्ठी तो शिवराज की 5 वर्ष पूर्व लिखी चिट्ठी का जवाब मात्र था। उनके भगवान महाकाल से किये झूठे वादों की वास्तविकता इस चिट्ठी में थी। उनके चिट्ठी के दावों की पोल इस चिट्ठी से खोली गयी थी।

यहां तक की शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल तक को चिट्ठी लिखने की तैयारी कर ली। लेकिन पुरानी चिट्ठी के दावों की हक़ीक़त सामने आते ही विचार त्याग दिया. जहाँ तक भगवान महाकाल के शरण में जाने की बात है तो वो कमलनाथ से लेकर सभी कांग्रेस नेतागण जाते है। पूजा अर्चना भी करते है, सेवा भी करते है, साधना भी करते है, बस नहीं करते है तो उनके नाम पर सिर्फ़ राजनीति।

जो सिर्फ़ भाजपा करती है
मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस महाकाल को चिट्ठी लिख रही है. अब चिट्ठी से महाकाल भगवान प्रसन्न थोड़े ही होते है. वो तो शरण में जाकर साधना करने से, सेवा करने से पूजा से प्रसन्न होते है.

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