इसमें केंद्र से सीधे मंडी और सोसायटी को मदद राशि दी जाती है। इस राशि के जरिए मंडी और सोसायटी के प्रोडेक्ट्स की मार्केटिंग से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट संबंधित काम किए जा सकते हैं। अभी इस योजना में मप्र सरकार पैसा नहीं ले रही है। इसके अलावा सीएम से चर्चा में कोटो-कुटकी के लिए भी प्रस्ताव भेजना तय किया गया है। अभी कोटो-कुटकी के लिए समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। अब तय किया गया है कि केंद्र को समर्थन मूल्य का प्रस्ताव भेजा जाए। सांसद तन्खा केंद्र में इस प्रस्ताव को मंजूर कराने के प्रयास करेंगे।
30 लाख किसान आनलाइन कनेक्ट नहीं-
केन्द्रीय संयुक्त सचिव अग्रवाल ने प्रदेश में ३० लाख किसानों के आनलाइन पोर्टल पर कनेक्ट नहीं होने की समस्या भी सीएम को बताई। दरअसल, किसानों के कनेक्ट नहीं होने के कारण उन्हें सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है। प्रदेश में ८५ लाख किसान हैं, जिनमें से महज ५५ लाख किसान ही पोर्टल पर कनेक्ट हो सके हैं। बाकी किसान रजिस्टर्ड नहीं होने से सम्मान निधि का फायदा नहीं ले पा रहे। सीएम ने इस पर किसानों का आनलाइन रजिस्ट्रेशन करके जल्द सम्मान निधि देने के निर्देश दिए हैं।
पोर्टल रजिस्ट्रेशन में ऐसे हैं हालात-
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके किसानों को कनेक्ट करने का डाटा देखा गया, तो पाया गया है कि भिंड, छतरपुर, पन्ना और बुदनी में सबसे खराब हाल हैं। इन जगहों पर ६० फीसदी किसान अभी बचे हैं। यहां केवल ४० फीसदी रजिस्ट्रेशन हो सका है। वहीं राजगढ़, दतिया, टीकमगढ़ और नीमच में ७० फीसदी रजिस्ट्रेशन हुआ है। डिंडौरी, मंडला और सीधी में ९५ फीसदी रजिस्ट्रेशन हुआ है। वहीं सीएम के गृह जिले छिंदवाड़ा में १०० फीसदी रजिस्ट्रेशन पूरा कर दिया गया है।