यात्रा में मराठी संस्कृति की झलक दिखाई दी। महिलाएं केशरिया और पीले परिधानों में तो पुरुष पारंपरिक परिधानों के साथ सफेद टोपी और रंग-बिरंगे साफे बांधे हुए थे। यात्रा मार्ग में भगवान वि_ल के जयकारे गूंज रहे थे। श्रद्धालु ढोल-मंजीरे के साथ संकीर्तन करते हुए चल रहे थे। महिलाओं-पुरुषों का एक दल लेझिम बजाते चल रहा था। यात्रा मार्ग में जगह-जगह मराठी संस्कृति पर आधारित नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गईं। महिलाओं ने फुगड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी।
वालेंटियर ने रखा सफाई का ख्याल
दिंडी यात्रा के दौरान मार्ग में कचरा न हो, इसका भी ख्याल रखा गया। समाज के कई वालेंटियर यात्रा के साथ थे, जो साफ-सफाई करते हुए चल रहे थे। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के पीने के पानी के लिए हाथ ठेले पर पानी से भरी केन और गिलास की व्यवस्था की गई थी। स्वागत के दौरान सड़क पर बिखरने वाले फूल आदि को भी वालेंटियर सफाई करते हुए चल रहे थे। समाज के नितिन अवसरकर ने बताया कि शहर को स्वच्छ रखने दिंडी में यह व्यवस्था की गई थी। अभी हम देश में सफाई में नंबर दो पर हैं। ऐसे में हर व्यक्ति का फर्ज बनता है कि हम हमारे शहर को नंबर 1 पर लाएं।
तीन किमी निकाली पैदल यात्रा
यात्रा का शुभारंभ गणेश मंदिर 1100 क्वाटर्स से किया गया। यह विट्टन मार्केट, अपेक्स बैंक क्वाटर्स, हबीबगंज थाना, भोजपुर क्लब होते हुए रात्रि में दत्त मंदिर अरेरा कॉलोनी पहुंची। यात्रा करीब तीन किमी पैदल निकाली गई। यात्रा का जगह-जगह स्वागत सत्कार किया गया। कई जगहों पर आरती उतारकर भगवान की पूजा अर्चना की गई। मंदिर में रात्रि में महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर विलास बुचके, संजय जोशी, विजय मराठे, चंद्रकांत बेहरे, नितिन अवसरकर सहित बड़ी संख्या में समाजजन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।