कुछ दिन पहले हमीदिया की एक डॉक्टर की मौत कोरोना से हो चुकी है, जिनको दोनों टीके लगे थे। ऐसे में अभी ये मानलेना कि कोरोना चला गया, जल्दबाजी होगी। दोनों डोज लगने के बाद भी सावधानी बरतना जरूरी है। शहर में कई लोग तो ऐसे हैं जो फोन करने के बाद भी वैक्सीन सेंटरों पर नहीं पहुंच रहे। कोरोना कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. संगीता टांक का कहना है कि उनका पूरा अमला इन दिनों सेकेंड डोज न लगवाने वाले लोगों को फोन कर रहा है। लेकिन कम लोग ही दूसरा डोज लगवाने अपनी मर्जी से पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग शादियों का बहाना बना रहे हैं।
इन वार्डों में तो सेकेंड डोज न के बराबर लगी
– डीआईजी बंगला, जेपी नगर (12,14,16, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79 ) में पहले डोज का प्रतिशत 102 तो दूसरे का 54 फीसदी ही है।
– चांदबड़ (8,10,11, 13, 15, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 69 ) में पहले डोज का प्रतिशत 104 तो दूसरे का 53 प्रतिशत है।
– मातियापार्क (2, 4, 5, 6, 7 ) में पहले डोज का प्रतिशत 104 और दूसरे डोज का 56 फीसदी ही पहुंचा है। इन वार्डों में ही काफी लोगों के यहां शादियां हैं। मेहमान बाहर से आ रहे हैं तो कई जा रहे हैं। किसे वैक्सीन लगी, किसे नहीं, किसी को कोई परवाह नही।
सर्दी, खांसी, जुकाम आम बात
इन दिनों सर्दी, खांसी जुकाम आम बात बनी हुई है। डॉक्टरों के पास जाने पर उसे सामान्य डेंगू टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है। लेकिन कोरोना का टेस्ट कराने की सलाह किसी को नहीं दे रहे। जानकारों का कहना है कि अगर कोरोना की सही टेस्टिंग शुरू हो जाए। तो आज भी शहर में पचास से ज्यादा मरीज प्रतिदिन सामने आ सकते हैं। वैसे भी शहर में कोरोना टेस्ट के लिए खोले गए सेंटर अब बंद हो चुके हैं।
क्यूआरटी कई माह से गायब
दूसरी लहर में अनलॉक के बाद थाने के बीट सिस्टम की तरह नगर निगम, पुलिस और प्रशासन के कर्मचारियों की एक क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम ) बनाई थी। इसका काम लोगों को मास्क लगवाना, कोविड के नियमों का पालन करना था। ये टीम शुरू से ही कागजों में काम कर रहे है। जमीन पर इसका कोई काम दिखाई नहीं देता।