साथ ही टीचर्स अपॉइंटमेंट के मिनिमम क्वालिफिकेशन व अन्य एकेडमिक स्टॉफ के मानक तय कर यूजीसी रेगुलेशन-2018 जारी किया है। जिसमें सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिलाओं को भी अवकाश प्रदान किया गया है।
आपको बता दें कि सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिलाओं की छुट्टी के लिए हाईकोर्ट में याचिका, जुड़वां बच्चों की मां बनी एक टीचर ने लगाई थी। इस महिला ने हाइकोर्ट में रिट पिटिशन दायर की थी। जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि वह सरोगेसी के जरिए दो जुड़वां बच्चों की मां बनी है। मां बनने के बाद भी उन्हें उन्हें अवकाश इसलिए नहीं दिया जा रहा है क्योंकि वह अपनी कोख से बच्चों को जन्म नहीं दे रही हैं। इस पूरे मामले का फैसला कोर्ट ने 17 जुलाई 2015 को सुना दिया गया था, जिसमें महिला को अवकाश देने की बात कही गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने इस आदेश का पालन करते हुए साल 2018 में जनवरी माह को सभी विभागों को निर्देश जारी किए थे।
टीचर्स के लिए आए ये प्रावधान
– अब विदेशी विवि या संस्थान से पीएचडी करने वाले उम्मीदवार, जिनकी टॉप 500 में रैंक हो वह सीधे असिस्टेंट प्राफेसर के लिए आयोजित साक्षात्कार के पात्र होंगे।
– किसी भी विश्वविद्यालय व कॉलेज में प्रिंसिपल की सिफारिश किसी भी वरिष्ठ फैकल्टी मेंबर को दो साल के लिए वाइस प्रिंसिपल बनाया जा सकता है।
– विश्वविद्यालय में सभी शिक्षकों को 5 घंटे रहना ही अनिवार्य होगा।
– पीएचडी शिक्षकों को एडवांस इंक्रीमेंट का लाभ मिल सकेगा।