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सेफिया कॉलेज नाले को लेकर तकरार, बोले- सरकार मेरी है, मैं चाहे जहां कुर्सी डालकर बैठूं

locationभोपालPublished: Jul 14, 2018 07:15:07 am

Submitted by:

Pushpam Kumar

बाढ़ के हालात से निपटने बुलाई बैठक में भड़के महापौर

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सेफिया कॉलेज नाले को लेकर तकरार, बोले- सरकार मेरी है, मैं चाहे जहां कुर्सी डालकर बैठूं

भोपाल. सेफिया कॉलेज रोड पर जलभराव के बाद कुर्सी डालकर महापौर के बैठने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार को कमिश्नर कार्यालय में हुई बैठक में भी जब ये मुद्दा उठा तो महापौर आलोक शर्मा भड़क गए और बोले मेरी सरकार, मैं चाहे जहां कुर्सी डालकर बैठूं। बारिश के बाद राजधानी में एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बने थे।

ऐसी स्थिति दोबारा न बने, इसको लेकर संभागायुक्त कवींद्र कियावत और महापौर आलोक शर्मा ने एक आपात बैठक कमिश्नर कार्यालय में बुलाई थी। बैठक में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सेफिया कॉलेज की सड़क और नाले पर क्रॉस ड्रेनेज सिस्टम बनाने की बात कही तो महापौर भड़क उठे। बोले- दो साल पहले भी बैठक में इसपर सहमति बनी थी, लेकिन काम नहीं हुआ।

सड़कों के रखरखाव के लिए नोडल एजेंसी : महापौर ने कहा सड़कों को लेकर हर बार बैठकों में बात होकर रह जाती है। आज तक सड़कों पर बोर्ड नहीं लगे। जनता मुझे और मेरे विभाग को जिम्मेदार ठहराती है, जबकि सड़कें सभी विभाग की हैं। संभागायुक्त ने तत्काल पांचों विभागों की सहमति से भोपाल सड़क विकास प्राधिकरण नाम से निर्माण एजेंसी बनाई। पांचों विभागों ने अपनी सहमति दी। शनिवार को यह प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाएगा।
ये निर्देश भी दिए : मास्टर प्लान 2005 में प्रस्तावित सड़कें जो अब तक नहीं बनी हैं, उन्हें चिह्नित की जाए तथा उन्हें बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। तभी हल होगी समस्या।

ऐसे नाले जिनमें बहाव रुकने से पानी सड़कों पर आता है तथा ऐसी सड़कें जो निचली हैं अथवा उनमें गड्डे हैं, उन्हें चिह्नित करें। सबसे पहले उनका आवश्यक निर्माण व मरम्मत कराई जाए।

महापौर-मंत्री आमने-सामने
लोक निर्माण मंत्री ने सांसद, विधायक, महापौर के सामने अफसरों को जो निर्देश दिए थे, उसे पूरा नहीं किया गया। अब अफसर इतने जनप्रतिनिधियों के सामने मंत्री द्वारा दिए निर्देश नहीं मानते तो फिर क्या मानेंगे?
आलोक शर्मा, महापौर

हमने पूरी रिपोर्ट तैयार की है। पीडब्ल्यूडी के जो काम थे, वो कर दिए हैं। निगम को स्पष्ट कर दिया था कि नाले का काम हमारा नहीं है। मैं नहीं कहता कि महापौर झूठ बोल रहे, लेकिन हमने तो काम पूरे कर दिए।
रामपाल सिंह, मंत्री, लोक निर्माण विभाग

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