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MBBS छात्रा ने की खुदकुशी

locationभोपालPublished: Jun 12, 2018 06:39:47 am

Submitted by:

Rohit verma

इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर साथियों ने लगाए आरोप, हॉस्टल में बेहोशी के इंजेक्शन के ओवरडोज से हुई मौत…

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MBBS छात्रा ने की खुदकुशी

इंदौर/भोपाल. इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर से एमबीबीएस कर रही भोपाल की छात्रा ने रविवार रात हॉस्टल के रूम में बेहोशी के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर खुदकुशी कर ली। साथी डॉक्टर ने उसे कई फोन लगाए, कॉल नहीं उठा तो वह उसके रूम पर पहुंचा, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था।
संदेह होने पर दरवाजा तोड़ा तो वह बेड पर मृत मिली। इसकी खबर लगते ही हॉस्पिटल में हडक़ंप मच गया। दोस्तों ने देर रात मृतका के परिवार को तबीयत खराब होने की सूचना दी। अलसुबह भोपाल से परिवार पहुंचा तो बेटी की मौत होने पर बदहवास हो गया। पीएम कराने आए साथी ने कॉलेज प्रबंधन द्वारा मृतका को फीस भरने व कोर्ट में लगाए गए केस को वापस लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया।

इंदौर के खुडै़ल थाना पुलिस के मुताबिक इंडेक्स मेडिकल कॉलेज से एनेस्थीसिया विषय से पढ़ाई कर रही तृतीय वर्ष की छात्रा स्मृति (29) पिता किशोर कुमार लहरपुरे निवासी 10 नंबर, अरेरा कॉलोनी भोपाल की रहने वाली है। घटना की सूचना रात करीब डेढ़ बजे कॉलेज प्रबंधन को डॉ. प्रखर गुप्ता ने दी। इस पर वार्डन अभिषेक सिंह व अन्य छात्र पहुंचे तो छात्रा मृत मिली।
कमरे की दीवार पर ड्रिप लगी थी। कुछ ही दूरी पर बेहोशी के इंजेक्शन पड़े थे। प्राथमिक जांच में इंजेक्शन के ओवरडोज से मौत होना सामने आ रहा है। सोमवार को जिला हॉस्पिटल में परिजनों व साथी डॉक्टर की मौजूदगी में पीएम करवाया गया। पुलिस को पता चला है कि घटना स्थल से साथियों को 4 पेज का सुसाइड नोट मिला है, जिसे किसी ने अपने पास रख लिया है।
वो कहती रही खुदकुशी कर लूंगी, हम मजाक समझते रहे
साथी डॉक्टर ने बताया कि 30 मई को उन्हें स्मृति ने कॉलेज प्रबंधन से मिलने वाली प्रताडऩा से परेशान होकर खुदकुशी की बात कही थी। वे मजाक में लेते हुए उसे समझाने लगे कि ऐसा कुछ मत करना। उसके बाद भी कॉलेज की एचओडी खेरूनिशा खान भी उसे परेशान करती रहीं। उसके ड्यूटी पर एक मिनट लेट पहुंचने पर सैलरी तक काट ली जाती थी। इन सभी वजहों से वह काफी तनाव में थी।

पिता से वाट्सएप पर जताई फीस की चिंता
युवती के पिता किशोर कुमार भोपाल में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में वरिष्ठ बैंक प्रबंधक हैं। उन्होंने बताया कि बेटी से उनकी फोन पर आखिरी बार 30 मई को बात हुई थी। कॉलेज प्रतिवर्ष 8 लाख 55 हजार रुपए फीस लेता था। इस बार 2 लाख फीस बढ़ा दी, तब बेटी ने वाट्सएप पर चिंता जाहिर करते हुए बताया कि उसे एजुकेशन लोन का 40 हजार ब्याज भी जमा करना है। कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ बेटी कोर्ट का दरवाजा तक खटखटा चुकी है। केस वापस लेने दबाव बनाया जा रहा था।
5 मिनट के भीतर गई जान
साथियों ने बताया कि स्मृति एनेस्थीसिया विषय से पढ़ाई कर रही थी। उसे बेहोशी के लिए डोज देने का अच्छा नॉलेज था। उसने इंजेक्शन का ओवरडोज लिया है, जिससे 5 मिनट के भीतर उसकी मौत हो गई।

कॉलेज प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप
जिला अस्पताल पहुंचे छात्रों ने बताया, जब से उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया है, तब से मुश्किलें बढ़ गई हैं। फीस नहीं भरने पर प्रबंधन द्वारा दबाव बनाया जाता है। हाल ही में प्रबंधन ने नोटिस जारी किया है। इसमें तीन वर्ष का मिलाकर अब तक दी गई कुल फीस के अलावा 9 लाख 90 हजार रुपए की मांग की जा रही है।
एडमिशन से लेकर अब तक वे 32 लाख रुपए से ज्यादा फीस जमा कर चुके हैं। ऐसे में तृतीय वर्ष तक के 150 छात्र कॉलेज में समय से स्टायपंड नहीं मिलने से परेशान हैं। जो स्टायपंड उन्हें प्रथम वर्ष में मिला, वही अब भी मिल रहा है। प्रबंधन ड्यूटी पर कुछ देर लेट आने पर उस दिन की तनख्वाह काट लेता है। 16 घंटे से अधिक ड्यूटी के बाद भी महीने में 20 से 25 हजार की पेमेंट करता है। इससे छात्र तनाव में हैं।

जब छात्र एडमिशन लेता है तो उसे सभी नियम बताए जाते हैं। कई कॉलेज ने फीस वृद्धि को लेकर एसोसिएशन के माध्यम से प्रस्ताव भेजा था। एप्रूवल आने के बाद से ही प्रतिवर्ष के मान से फीस बढ़ाई गई है, जो फीस ले रहे हैं, वह नियमों के आधार पर ले रहे हैं। इसकी जानकारी छात्रों को पहले ही दी जा चुकी है।
– आरसी यादव, एडमिन ऑफिसर, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज
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