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दो प्रोफेसरों के सवर्ण विरोधी पोस्ट के खिलाफ छात्रों ने किया हंगामा, कुलपति ऑफिस का प्रवेश द्वार तोड़ा

locationभोपालPublished: Dec 13, 2019 01:18:49 am

Submitted by:

Ram kailash napit

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय

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भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के अनुबंधित प्रोफेसर दिलीप मंडल के एक ट्वीट व मुकेश कुमार के फेसबुक पोस्ट को लेकर विश्वविद्यालय में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने छात्रों के साथ मिलकर जमकर हंगामा किया। छात्रों का आरोप है कि दिलीप मंडल द्वारा ट्विटर और फेसबुक पर सवर्ण विरोधी जातिगत भेदभाव के साथ दुर्भावनापूर्ण विद्वेष फैलाने वाली पोस्ट की जाती हैं।
इसके अलावा एक अन्य अनुबंधित प्रोफेसर मुकेश कुमार पर भी सोशल मीडिया पर सवर्ण विरोधी जातिगत भेदभाव वाली टिप्पणी करने का आरोप है। छात्रों की मांग है कि ऐसी मानसिकता के शिक्षक को तत्काल बर्खास्त किया जाए। कुलपति कार्यालय के बाहर हंगामा कर रहे छात्र जब प्रभारी कुलसचिव दीपेंद्र बघेल से मिलने पहुंचे तो वह उनसे मिलने बाहर नहीं आए। छात्रों का आरोप है कि उन्होंने सहायक कुलसचिव अशोक पांडे को आगे कर दिया। इस बात से नाराज छात्रों ने कुलपति कार्यालय का कांच से बना प्रवेश द्वार तोड़ दिया। बता दें, मौजूदा सत्र में तीन अनुबंधित प्रोफेसर्स की नियुक्ति हुई है। इनमें दिलीप मंडल, मुकेश कुमार व अरुण त्रिपाठी शामिल हैं।
पहले भी विवि प्रबंधन से की है शिकायत
छात्रों ने बताया कि कक्षाओं में भी दिलीप मंडल विद्यार्थियों का पूरा नाम पूछते हैं और सरनेम विशेष के विद्यार्थियों से भेदभावपूर्ण व्यवहार करते हैं। पूर्व में भी कई बार मंडल और मुकेश कुमार की शिकायत कुलपति से की गई थी जब पत्रिका ने दिलीप मंडल का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, यही मेरा पक्ष है।Ó हालांकि देर रात उन्होंने ट्वीट कर एबीवीपी के छात्रों केा चुनौती देते हुए कहा कि वे सांची स्तूप पर आए और मुद्दों पर उनसे बहस करें।
तोड़-फोड़ करने वाले पर होगी कार्रवाई
विश्वविद्यालय प्रबंधन की मानें तो तोड़-फोड़ करने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं कुछ कर्मचारियों ने ने कुलपति से शिकायत कर हंगामा करने वाले छात्रों पर जातिसूचक शब्द बोलने का आरोप लगाए।
यह पत्रकारिता विवि है, यहां सभी तरह की विचारधारा पर विमर्श की छूट है। कोई व्यक्ति अपने निजी सोशल मीडिया अकाउंट से क्या पोस्ट कर रहा है, इसकी जिम्मेदारी विवि प्रबंधन की नहीं है। विवि धर्म या जाति के आधार पर किसी तरह का अंतर नहीं करता है और ना ही किसी को करने देगा।
दीपक तिवारी, कुलपति, एमसीयू

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