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मेडिकल अलाउंस बंद, ऑनलाइन ट्रांस्क्रिप्ट को दी मंजूरी

locationभोपालPublished: Feb 24, 2019 11:25:26 am

42 करोड़ घाटे का बजट पेश हुआ,2100 सीट क्षमता वाला ऑडिटोरियम बनेगा

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मेडिकल अलाउंस बंद, ऑनलाइन ट्रांस्क्रिप्ट को दी मंजूरी

भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) की कार्यपरिषद (ईसी) बैठक शनिवार को हुई। इसमें प्रोफेसरों व नियमित कर्मचारियों के एक हजार व 500 रुपए का मेडिकल अलाउंस बंद करने का निर्णय लिया गया।

ऑनलाइन ट्रांस्क्रिप्ट को मंजूरी दी गई। इसके अलावा बैठक में 42 करोड़ रुपए के घाटे के बजट को अनुमोदित किया गया। विवि प्रशासन के अनुसार घाटे की पूर्ति बैंकों में जमा एफ डीआर के ब्याज, परीक्षा fee, यूआईटी में पढऩे वाले विद्यार्थियों की ट्यूशन fee और महाविद्यालयों के संबद्धता शुल्क से की जाएगी।

ईसी में आगामी सत्र 2019-20 के लिए 42 करोड़ के घाटे का बजट पेश किया है। इसमें 172 करोड़ के व्यय और 132 करोड़ की आय बताई गई है। चालीस करोड़ के घाटे की पूर्ति करने के लिए आरजीपीवी ने उक्त चार खास संसाधनों पर भरोसा जताया है।

आरजीपीवी अन्य तीन खास प्रोजेक्ट पर भी कार्य करेगा। इसमें स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, नॉलेज रिसोर्स सेंटर और ऑडिटोरियम शामिल है। तीनों प्रोजेक्ट में करीब तीन करोड़ रुपए खर्च होंगे। इन प्रोजेक्ट को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

RGPV, bhopal

स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में ट्रेनिंग देने के साथ पांच तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम भी संचालित किए जाएंगे। वहीं नॉलेज रिसोर्स सेंटर में एक इंक्यूवेशन सेंटर तैयार किया जाएगा। अफसरों का दावा है कि इसमें विद्यार्थियों के स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। विवि में भोपाल का सबसे बड़ा 2100 सीट का ऑडिटोरियम भी तैयार होगा।

रजिस्टर्ड स्टूडेंट कर सकेंगे कोर्स वर्क
कार्यपरिषद की बैठक में यूजीसी की पीएचडी करने वाली नई गाइडलाइन के पालन करने को स्वीकृति दी गई। इसके तहत स्टूडेंट रिसर्च सेंटर पर रजिस्टर्ड होने के बाद शहर के बाहर स्टडी सेंटर पर पहुंचकर अपने कोर्स वर्क की पढ़ाई कर पाएंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य योजना का दिया जाएगा लाभ
आरजीपीवी अब प्रोफेसर्स व कर्मचारियों को केन्द्रीय स्वास्थ्य योजना का लाभ देगी। इनमें सीजीएचएस से अनुबंधित अस्पतालों में प्रोफेसर और कर्मचारी उपचार कराएंगे। उन्हें मिलने वाले एक हजार व 500 रुपए का मेडिकल अलाउंस नहीं दिया जाएगा। ईसी में 24 दैवेभो कर्मचारियों को भी नियमित करने का निर्णय लिया गया।

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