यही नहीं कोरोना के चलते प्री पीजी परीक्षा भी अब तक नहीं हुई, जिससे जीमएसी के 182 जूनियर डॉक्टर सहित प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 815 जूडा कम हो गए हैं। दरअसल, कोरोना के चलते अब तक मेडिकल काउंसिल का इंपेक्शन नहीं हुआ। 2019 में केन्द्र सरकार ने जीएमसी को 285 पीजी सीटों की मान्यदा दी थी। इसके बाद 2021 में कॉलेज प्रबंधन ने इनमें से 128 सीटों के लिए प्रपोजल भेजा था, लेकिन इपेक्शन ना होने के कारण अब अगले साल ही सीटें बढ़ पाएंगी।
22 में से सात विभाग का ही निरीक्षण
जीएमसी से 22 विभागों ने पीजी अपग्रेडेशन के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सात का निरीक्षण हो सका। निरीक्षण के लिए अधिकारी दूसरे शहर जाने को तैयार नहीं है। वहीं नीट परीक्षा की तारीखें तय नहीं हुईं। परीक्षा के पहले सभी कॉलेजों की जानकारी केन्द्र को भेजनी पड़ती है।
अधूरा भवन भी अटकाएगा मान्यता
अस्पताल का अधूरा निर्माण भी सीटों की मान्यता अटका सकता है। बी ब्लॉक 31 जुलाई तक और ए ब्लॉक 31 अगस्त तक पूरा होगा। कई विभागों के 30-30 बिस्तर की जरूरी यूनिट तैयार नहीं हो पाएंगी। ऐसे में इन विभागों को पीजी अपग्रेडेशन का मौका नहीं मिलेगा।
अब तक एमसीआई इंपेक्शन पूरा नहीं हुआ है। सात विभागों को छोड़कर बाकी के विभाग अब भी बचे हुए हैं। जब तक इंपेक्शन नहीं होता तब तक पीजी अपग्रेडेशन के बारे में कुछ नहीं बोल सकते।
डॉ. जितेन शुक्ला, डीन, गांधी मेडिकल कॉलेज