इस पर छात्रों का कहना है कि सरकार से आश्वासन के बावजूद उनके पढ़ाई के हित में देश में कुछ नहीं हुआ। छात्रों के पेरेंट्स ने मिलकर एक एसोसिएशन बनाई है जिससे वे अपने बच्चों की मांग रख सकें। साथ ही इसके लिए वे एक प्रोटेस्ट रेली आयोजित करने की प्लानिंग बना रहे हैं।
पेरेंट्स एसोसिएशन की स्टेट कॉर्डिनेटर बबिता रॉय ने कहा कि मेडिकल स्टूडेंस अपनी डिग्री ऑनलाइन कर रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई से वे क्या सीखेंगे, ये कैसी मेडिकल की पढ़ाई होगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की है।
आगे उन्होंने कहा कि यूक्रेन में आज भी वॉर तेजी से बढ़ रहा है और अगर वॉर आज भी खत्म हो जाएं तो भी कोई पेरेंट्स अपने माता-पिता को ऐसे देश में तो नहीं भेजेंगे जहां अब कुछ नहीं बचा है। वहां हमारे बच्चे कैसे सुरक्षित होंगे। सच तो ये हे कि कोई नहीं जानता कि ये युद्ध कब खत्म होगा और तब तक हमारे बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ेगे।
वहीं यूक्रेन से लौटे एक स्टूडेंट ने कहा कि हमें पता है वहां की क्या सिचुएशन है। जब हमें वहां से निकाला जा रहा था तब हमने देखा है। इसीलिए यूक्रेन में अब ऑफलाइन मोड में पढ़ाई तो असभंव है। ऑनलाइन पढ़ने से हमें डिग्री तो मिल जाएगी लेकिन हम कुछ सीख नहीं पाएंगे।
पेरेंट्स एसोसिएशन कई बार कई मिनिस्टर्स से मिल चुके हैं लेकिन कुछ हल नहीं निकला। उनका कहना है कि कम से कम एक बार उनकी बात को सुना तो जाए। इलेक्शन की आचार सहिंता खत्म होने के बाद पेरेंट्स एसोसिएशन एक प्रोटेस्ट रैली आयोजित करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलकर अपनी समस्याओं के बारे में बताएंगे।
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