पर्सनल बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी सहित कई उलेमा इसमें शामिल थे। राजधानी में बोर्ड की पहली आईटी डेस्क बनाई गई है। प्रदेश सहित देश के सभी हिस्सों में इस तरह की डेस्क बनेगी। खानूगांव स्थित एक निजी कॉलेज में रविवार को दिनभर बैठक चली। देशभर से करीब 70 उलेमा और पदाधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया। सोशल मीडिया के जरिए बोर्ड अपने कामों का प्रचार प्रसार करेगा।
ये काम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस्लाहे मुआशरा कमेटी के जरिए हो रहा है। मुख्य रूप से तीन काम किए जाएंगे। सबसे पहले शरीयत और बोर्ड के खिलाफ फैलाई जा रही गलत बातों को रोककर सही जानकारी देना। दूसरा पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यक्रम और गतिविधियों की जानकारी पहुंचा और तीसरे सामाजिक सुधार के कामों को और मजबूती देना।
राज्य और जिला स्तर पर कमेटियां, जलसों के जरिए प्रचार
समाज सुधार के लिए जागरुकता कार्यक्रम की भी यहां चर्चा हुई। मस्जिदों, मोहल्लों में जाकर, जलसे और मुस्लिम महिलाओं के कार्यक्रमों के जरिए इनका प्रचार और प्रसार होगा। बोर्ड के सदस्य आरिफ मसूद ने कहा कि कमेटियां बनाई जाएगी। इनका गठन राज्य के हालात और वहां की जरूरतों के हिसाब से होगा।
तरक्की के जरिए तालीम जरूरी
बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी रहमानी ने उलेमा को खिताब करने तालीम और तकनीक पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोई क़ौम बेहतर तालीम के बिना तरक्की नहीं कर सकती। यहां बोर्ड के इस्लाहे मुआशरा यानि सामाजिक बदलाव के लिए तालीम को टेक्नोलॉजी से जोडऩे की बात कही।
ट्रिपल तलाक का संशोधन नाकाफी, वापस ले सरकार
ट्रिपल तलाक के लिए जो संशोधन पेश किया गया उसे बोर्ड ने नाकाफी बताया। सेक्रेटरी मौलाना रहमानी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को खत्म कर दिया। यानि ट्रिपल तलाक नहीं होगा। इसके बाद भी इस पर तीन साल की सजा की बात है। यानि जो जुर्म मानते ही नहीं उस पर सजा का प्रावधान है।
रहमानी के मुताबिक सरकार इसे वापस ले और सिलेक्शन कमेटी को सौंपे जहां इस पर चर्चा कराई जाएगी। यहां बताया गया जिस कम्युनिटी के लिए ये बिल लाया जा रहा है उससे चर्चा के बगैर ही उस पर इसे थोपने की कोशिश है।