मां सुबह का एपिसोड नहीं देख पाई
मेरे पिता डॉ. शिखरचंद्र गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थे। मेरी स्कूलिंग भोपाल से ही हुई। उन दिनों में ‘हवा महल’ में रोल भी किया। फस्र्ट ईयर के दौरान 1978 में मुंबई आ गया। इसके बाद फिल्म और फिर सीरियल में बिजी हो गया। आठ माह पहले ही मैं भोपाल आया था। जब सरकार ने दूरदर्शन पर रामायण के प्रसारण का अनाउंस किया तो भोपाल से फैमिली मेंबर्स और दोस्तों के फोन आने शुरू हो गए। परिवार में इसे लेकर काफी खुशी थे। सुबह मां से जब फोन पर बात हुई तो पता चला कि वे पहला एपिसोड नहीं देख पाई हैं। हालांकि अन्य सदस्यों ने इसे देखा और मुझे फोन भी किया।
सुनील लहरी (रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाया)
ग्रामीणों के साथ मिलकर देखा था शो
हमारा पूरा परिवार यहां चूना भट्टी में रहता है। हमारे परिवार के सदस्य अमेरिका और मुंबई में भी रहते हैं। भले ही सभी अलग-अलग शहरों में हो, लेकिन सभी ने सुबह और शाम के दोनों एपिसोड देखे। पहले भी मैंने इसका एक-एक एपिसोड देखा है। मुझे याद है कि जब इसका प्रसारण होता था तो कई परिचित भी हमारे घर आकर इसे देखते थे। उस दौर में एक दिन हम इंदौर से लौट रहे थे। एपिसोड का समय हुआ तो एंटीना सेट कर कार खेत के पास खड़ी कर दी। पूरा गांव वहां एकत्रित हो गया और सभी ने मिलकर रामायण देखी।
शषेन्द्र लहरी, सुनील के भाई
मुकेश खन्ना को दिया था अवॉर्ड
उन दिनों दूरदर्शन ही मनोरंजन का एक माध्यम था। दूरदर्शन पर सीरियल ‘चुनौती’ का प्रसारण होता था। इसमें मैंने प्रिंसिपल शास्त्री का रोल प्ले किया था। हालांकि ये 20-22 एपिसोड का ही सीरियल था, लेकिन जनता के बीच काफी पॉपुलर था। उन दिनों सारे अवॉर्ड रामायण और महाभारत के एक्टर्स को ही मिलते थे। मुझे बेस्ट एक्टर में नॉमिनेशन भी मिला। हालांकि मुझे बेस्ट सर्पोटिंग एक्टर का अप्ट्रॉन अवॉर्ड मिला। अगले साल मैंने मुकेश खन्ना को महाभारत में भीष्म पितामह के रोल के लिए बेस्ट सर्पोटिंग एक्टर का यही अवॉर्ड दिया था। वहीं, रापा से मुझे बेस्ट परफॉर्म का अवॉर्ड मिला था।
राजीव वर्मा, एक्टर
चार पीढिय़ों ने एक साथ देखी रामायण
मैं जब 10वीं में थी, तब ये सीरियल देखा था। मेरे जहन में आज भी इसकी यादें बसी हैं। परिवार की चार पीढिय़ों ने साथ बैठकर रामायण और महाभारत देखी। मैंने ब”ाों को बताया कि उस दौर में ये सीरियल कितने पॉपुलर थे। नई जनरेशन को भी इन दोनों पौराणिक सीरियल से धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की सीख मिलेगी।
आशा तिवारी, टीचर
टीवी के सामने लगाते थे अगरतबत्ती
रामायण नाम आते ही सभी परिवार के सदस्य एकत्रित हो गए। उस दौर में मैं कॉलेज में जॉब करता था। रविवार के दिन इसके प्रसारण का इंतजार रहता था। परिचित भी हमारे यहां आकर टीवी देखते थे। कोई लोग तो भगवान राम और सीता का रोल प्ले कर रहे एक्टर्स को प्रणाम करते थे तो कोई टीवी के सामने अगरबत्ती लगाता था।
प्रो. अनिल दुबे, हमीदिया कॉलेज
नहीं देख पाया पहला एपिसोड
महाभारत में मैंने श्रीकृष्ण के दोस्त श्रीदामा का रोल प्ले किया था। मैंने इस सीरियल के पांच एपिसोड में एक्टिंग की थी। मुझे जब पता चला कि इसका पुन: प्रसारण होने वाला है तो मुझे काफी खुशी हुई। हालांकि पहले दिन मैं इसके एपिसोड देख नहीं पाया।
राकेश साहू, एक्टर