scriptमर्ज दिल का, दवा दर्द की दी, कफ की जगह यूरिन सिरप | Merge heart medicine given to pain urine syrup instead of cough | Patrika News

मर्ज दिल का, दवा दर्द की दी, कफ की जगह यूरिन सिरप

locationभोपालPublished: Jan 06, 2018 10:22:06 am

Submitted by:

pankaj shrivastava

शाहजहांनाबाद में रहने वाले ६१ वर्षीय हीरालाल को हार्ट की बीमारी है। शुक्रवार को वे हमीदिया अस्पताल पहुंचे.

pain medicines

Heart attacks or cancer patients only by giving them pain medicines.

भोपाल। शाहजहांनाबाद में रहने वाले 61 वर्षीय हीरालाल को हार्ट की बीमारी है। शुक्रवार को वे हमीदिया अस्पताल पहुंचे, कार्डियोलॉजी विभाग में जांच के बाद ब्लड प्रेशर ज्यादा होना बताया। डॉक्टर ने हीरालाल को ब्लड प्रेशर सहित अन्य दवाएं लिख दीं। जब वे दवा लेने पहुंचे तो उन्हें ब्लड प्रेशर और हार्ट की दवाएं छोड़ बाकी दवाएं मिल गर्इं। स्टोरकीपर ने हार्ट और ब्लड प्रेशर की दवाएं बाहर से लाने को कह दिया।

हमीदिया में आने वाले हर मरीज को यह परेशानी हो रही है। अस्पताल में दवाओं की अत्यधिक कमी है। स्थिति यह है कि मरीजों को आधे से भी कम दवाएं दी जा रही हैं। गौरतलब है कि बीते साल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल का निरीक्षण कर कमियां दूर करने के निर्देश दिए थे। इस पर अस्पताल और गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 20 टीम बनाकर कमियां दूर करने के दावे किए थे। अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया भी अस्पताल का दौरा कर इसे बेहतरीन कहा था। जबकि हकीकत यह है कि यहां मरीजों को न दवाएं मिलती हैं ना ही इलाज।

एक मर्ज की 5 दवाएं
अक्सर चिकित्सक मरीज को उसकी बीमारी के हिसाब से एक या दो दवाएं लिखते हैं, लेकिन यहां डॉक्टर एक ही मर्ज की चार से पांच दवाएं मरीज को दे रहे हैं। मेहरूनिसा को हार्ट के लिए एटोपिन, मेटाप्रोलोल, रेपीप्रिल, फॉरबीट्रेट के साथ ईकोस्प्रिन भी लिख दी, इसमें से भी तीन नहीं मिलीं।

सामान्य दवाएं ही नहीं
अस्पताल में गंभीर मर्ज को छोड़ दें तो सर्दी जुकाम और दर्द जैसी सामान्य दवाएं ही नहीं है। मरीजों से बात की तो पता चला कि डायबिटीज में दी जाने वाली सामान्य दवा मेटफॉरमिन लंबे समय से नहीं है। दर्द के लिए टे्रमाडॉल, आईबू पैरा प्लस भी मरीजों को नहीं दी जा रही। यह वो दवाएं हैं, जो कहीं भी आसानी से मिल जाती हैं।

कफ सिरप नहीं तो दे दिया यूरिन का सिरप
शुक्रवार को मेहरूनिसा अस्पताल पहुंची। वो ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द और बुखार से पीडि़त थीं। डॉक्टर ने उसके दवाओं के साथ कफ सिरप लिख दिया, लेकिन स्टोर में कफ सिरप नहीं होने पर क्रेमालिन सिरप दे दिया गया, जो यूरिन आने के लिए दिया जाता है।

इन दवाओं की सबसे ज्यादा कमी
हार्ट- एस्प्रिन, एम्लोडिपिन,मेटप्रोलेल,ईकोस्प्रिन, फाइलट्रेट, उल्टी – ड्रिप्टोमर,यूरिन – लेसीलेक्टोन
डायबिटीज – मेटफॉरमिन, न्यूरो – प्रिगावा,
दर्द – टे्रमाडॉल, आईबू पैरा प्लस, सूजन – कैमराल फोर्ड, यूडीआई – अल्कासिट्रान सिरप है।

एेसा नहीं है कि दवाएं नहीं हैं। हर दवा का सब्टीट्यूट होता है, जो मरीजों को दिया जाता है। इसके बावजूद किसी मरीज को दिक्कत हो तो हमें बताएं हम मदद करेंगे। -अमृता वाजपेयी, पीआरओ हमीदिया अस्पताल

एमपी की भावांतर भुगतान योजना यूपी में भी होगी शुरू
इधर, मध्यप्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना को देश के दूसरे राज्य भी अपनाना चाहते हैं। इसके लिए राज्यों ने प्रयास शुरू कर दिया है। उत्तरप्रदेश राज्य मंडी बोर्ड का तीन सदस्यीय दल योजना को समझने भोपाल आया हुआ है। अधिकारी यहां से राज्य की विभिन्न मंडियों में योजना को जानने-समझने के लिए दौरा करेंगे।

मंडी बोर्ड उप संचालक रितु चौहान ने बताया कि यूपी मंडी बोर्ड का एक दल शुक्रवार को मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक से भेंट कर योजना की जानकारी ली। इसके बाद वे सीहोर मंडी के लिए रवाना हो गए। विदिशा, रायसेन, विदिशा मंडी में भी अनाज के क्रय-विक्रय की जानकारी ली जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना दिसंबर 2017 में शुरू की है।

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