भेल कारखाने की पूरी व्यवस्था सीआईएसएफ के अधीन है। इसके लिए भेल ने सिक्युरिटी लाइन पर पूरी बटालियन को रहने और ट्रेनिंग करने के लिए जगह दे रखी है। यहां नौकरी के अलावा जवान मैदान को व्यवस्थित करते हैं साथ ही क्षेत्र को हरा भरा रखने के लिए पौधा रोपण भी करते हैं।
इस क्षेत्र में क्वार्टर खाली व टूटे होने के कारण देखरेख करने वाले भी नहीं है, लेकिन सीआईएसएफ का यहां दफ्तर होने के कारण यहां आसपास का क्षेत्र उजडऩे से बच गया है।
भेल के सीआइएसएफ कमांडेट का कहना है कि विभाग गोल्डन जुबली होने की खुशी में जनजागरुकता के काम पूरे साल करने की योजना की दिशा में ये काम कर रहे हैं। हर साल भेल प्रबंधन से साथ टाउनशिप में पौधा रोपण किया जाता है। स्वास्थ्य जागरुकता के लिए भी पूरे साल काम किया जा रहा है।
भेल के सीआइएसएफ कमांडेट का कहना है कि विभाग गोल्डन जुबली होने की खुशी में जनजागरुकता के काम पूरे साल करने की योजना की दिशा में ये काम कर रहे हैं। हर साल भेल प्रबंधन से साथ टाउनशिप में पौधा रोपण किया जाता है। स्वास्थ्य जागरुकता के लिए भी पूरे साल काम किया जा रहा है।
उजडऩे से बचे आवास
सिक्योरिटी लाइन पर सीआईएसएफ का दफ्तर है। इस कारण इस क्षेत्र के कई आवास उजडऩे से बच गए। भेल क्षेत्र में कई जगहों पर खाली आवासों को तोड़ा जा चुका है। इनमें गोविंदपुरा में सबसे ज्यादा आवास हैं। वहीं बरखेड़ा और पिपलानी में भी ऐेसे आवासों की संख्या ज्यादा है।
सिक्योरिटी लाइन पर सीआईएसएफ का दफ्तर है। इस कारण इस क्षेत्र के कई आवास उजडऩे से बच गए। भेल क्षेत्र में कई जगहों पर खाली आवासों को तोड़ा जा चुका है। इनमें गोविंदपुरा में सबसे ज्यादा आवास हैं। वहीं बरखेड़ा और पिपलानी में भी ऐेसे आवासों की संख्या ज्यादा है।
इनका कहना उद्योगों की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है, इसके अलावा क्षेत्र की स्वच्छता और स्वास्थ्य की दिशा में सीआइएसएफ काम कर रहता है। इस बार गोल्डन जुबली वर्ष होने पर हम अपने कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों को भी शामिल करते हुए अवेयरनेस कार्यक्रम कर रहे है।
– पीके यादव, भेल विजिलेंस अधिकारी