इतना ही नहीं भेल के पॉवर ब्लॉक जिसे कोल ब्लॉक के रूप में उपयोग किया जा रहा था और नौ नम्बर गेट के पास की जगह को इसके निर्माण के लिए चिंहित भी किया गया है। केद्र सरकार की मेक इन इंडिया योजना के तहत यह करार हुआ है। जिसमें इंजन और टेक्रॉलाजी कावासाकी जापान की होगी और का निर्माण भेल कारखाने के दो नई बनने वाले ब्लॉकों में किया जाएगा।
मेट्रो ट्रेन बनाने के लिए भेल और कावासाकी जापान की कंपनी के बीच ८०० करोड़ का एमओयू साइन होने के कारखाने के अंदर कारखाना खड़ा करने के लिए कोल ब्लॉक और नौ नम्बर गेट के पास की खाली जमीन को चिंहित किया गया है। कावासाकी और बीएचईएल भोपाल संयुक्त रूप से इसका निर्माण मेक इन इंडिया योजना के तहत होगा। भेल के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
– विनोदानंद झा, डीजीएम व प्रवक्ता, भेल, भोपाल
– विनोदानंद झा, डीजीएम व प्रवक्ता, भेल, भोपाल
देश के अन्य स्थानों से आर्डर मिलने की संभावना
वहीं जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार फेस में अभी तो मेट्रो ट्रेन निर्माण का कारखाना खुलने जा रहा है। जिसमें भोपाल में चलने वाले मेट्रो ट्रेन के इंजन से लेकर डिब्बो तक का निर्माण यहां किया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि मेक इन इंडिया योजना के तहत भेल भोपाल को देश के अन्य क्षेत्र में चलने वाली मेट्रो ट्रेन का आर्डर भी मिल सकता है।
वहीं जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार फेस में अभी तो मेट्रो ट्रेन निर्माण का कारखाना खुलने जा रहा है। जिसमें भोपाल में चलने वाले मेट्रो ट्रेन के इंजन से लेकर डिब्बो तक का निर्माण यहां किया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि मेक इन इंडिया योजना के तहत भेल भोपाल को देश के अन्य क्षेत्र में चलने वाली मेट्रो ट्रेन का आर्डर भी मिल सकता है।
संसाधन की कमी नहीं
मेट्रो टे्रन का यूनिट बनाने के लिए भेल और कावासाकी अधिकांश स्ट्रेक्चर तो बना हुआ ही मिल जाएगा। कारखाने की दीवार के बाहर अलग से बनाने की आवश्यकाता नहीं पड़ेगी। यहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
मेट्रो टे्रन का यूनिट बनाने के लिए भेल और कावासाकी अधिकांश स्ट्रेक्चर तो बना हुआ ही मिल जाएगा। कारखाने की दीवार के बाहर अलग से बनाने की आवश्यकाता नहीं पड़ेगी। यहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
रोजगार बढ़ेगा, सुधरेगी टाउनशिप
भेल में कभी २२ हजार कर्मचारी थे तो पूरी टाउनशिप में रौनक थी। आज २५ प्रतिशत कर्मचारी ही बचे है। इससे शउरू होने से रोजगार तो बढ़ेगा। कर्मचारियों की संख्या में एक से दो हजार कर्मचारी बड़ जाएंगे। इससे भेल टाउनशिप में रौनक लोट आएगी।
भेल में कभी २२ हजार कर्मचारी थे तो पूरी टाउनशिप में रौनक थी। आज २५ प्रतिशत कर्मचारी ही बचे है। इससे शउरू होने से रोजगार तो बढ़ेगा। कर्मचारियों की संख्या में एक से दो हजार कर्मचारी बड़ जाएंगे। इससे भेल टाउनशिप में रौनक लोट आएगी।
भेल के झांसी यूनिट पर निर्भर नहीं
बताया गया की ट्रेन के डिब्बे बीएचईएल की झांकी यूनिट में बनते है। इसके अलावा ट्रेक का लोकोमेटिव इंजन, ट्रांसफार्मर भेल पहले से ही बनाता आ रहा है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो ट्रेन का सारा निर्माण भोपाल यूनिट में ही होगा। तकनीक कावासाकी जापान कंपनी की होगी। उस पर काम यहां होगा।
बताया गया की ट्रेन के डिब्बे बीएचईएल की झांकी यूनिट में बनते है। इसके अलावा ट्रेक का लोकोमेटिव इंजन, ट्रांसफार्मर भेल पहले से ही बनाता आ रहा है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो ट्रेन का सारा निर्माण भोपाल यूनिट में ही होगा। तकनीक कावासाकी जापान कंपनी की होगी। उस पर काम यहां होगा।