– विनोदानंद झा, डीजीएम व प्रवक्ता, भेल, भोपाल
वहीं जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार फेस में अभी तो मेट्रो ट्रेन निर्माण का कारखाना खुलने जा रहा है। जिसमें भोपाल में चलने वाले मेट्रो ट्रेन के इंजन से लेकर डिब्बो तक का निर्माण यहां किया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि मेक इन इंडिया योजना के तहत भेल भोपाल को देश के अन्य क्षेत्र में चलने वाली मेट्रो ट्रेन का आर्डर भी मिल सकता है।
मेट्रो टे्रन का यूनिट बनाने के लिए भेल और कावासाकी अधिकांश स्ट्रेक्चर तो बना हुआ ही मिल जाएगा। कारखाने की दीवार के बाहर अलग से बनाने की आवश्यकाता नहीं पड़ेगी। यहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
भेल में कभी २२ हजार कर्मचारी थे तो पूरी टाउनशिप में रौनक थी। आज २५ प्रतिशत कर्मचारी ही बचे है। इससे शउरू होने से रोजगार तो बढ़ेगा। कर्मचारियों की संख्या में एक से दो हजार कर्मचारी बड़ जाएंगे। इससे भेल टाउनशिप में रौनक लोट आएगी।
बताया गया की ट्रेन के डिब्बे बीएचईएल की झांकी यूनिट में बनते है। इसके अलावा ट्रेक का लोकोमेटिव इंजन, ट्रांसफार्मर भेल पहले से ही बनाता आ रहा है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो ट्रेन का सारा निर्माण भोपाल यूनिट में ही होगा। तकनीक कावासाकी जापान कंपनी की होगी। उस पर काम यहां होगा।