सरकार जांचेगी, कितनी जरूरी है मेट्रो
कवायद : नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्धन सिंह मेट्रो समेत सभी प्रोजेक्ट की करेंगे समीक्षा
मेट्रो रेल कंपनी की बैठक में प्रमुख सचिव ने दी थी अनुमति
अब नवागत विभागीय मंत्री को मेट्रो कंपनी समझाएगी गणित

भोपाल. भोपाल-इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का काम शुरू करने से पहले अब मेट्रो कंपनी नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्धन सिंह को प्रोजेक्ट का गणित (वित्तीय प्रबंधन) समझाएगी। शिवराज सरकार ने मेट्रो के दूसरे चरण की टेंडर प्रक्रिया को मंजूर किया था। सरकार बदलने के बाद विभाग के नए प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल ने कंपनी को अगले चरण के टेंडर तैयार करने को कहा था। विभागीय मंत्री बनने के अगले ही दिन जयवद्र्धन ने प्रोजेक्ट के जारी काम और अगले चरण की वित्तीय अनुमतियों की समीक्षा करने का बयान दिया। इस तरह उन्होंने अपनी मंशा जाहिर कर दी। मेट्रो कंपनी अगले सप्ताह मंत्री के सामने प्रजेंटेशन की तैयारी में जुट गई है।
248 करोड़ रुपए का सिविल कंस्ट्रक्शन
पहले चरण में एम्स से सुभाष नगर तक 248 करोड़ रुपए में सिर्फ एलीवेटेड कॉलम और सिविल कंस्ट्रक्शन के काम होने हैं। सुभाष नगर से करोंद तक बनने वाले रूट नंबर दो के बाकी हिस्से के लिए टेंडर जारी होना हैं। अभी केवल 6.225 किमी में काम होगा, इस पर कुल 8 स्टेशन बनेंगे।
इंदौर में 5.29 किमी लंबा पहला रूट
इंदौर में एयरपोर्ट रोड, पलासिया, एमआर 10 और रेडिसन होटल से होकर मेट्रो रेल का पहला रूट प्रस्तावित है। पहले चरण में केवल 5.29 किमी ट्रैक तैयार किया जाएगा। इसकी लागत 257 करोड़ रुपए है।
मेट्रो प्रोजेक्ट की चाल
भोपाल में पहले चरण की लागत 6962.92 करोड़ तो इंदौर में 7100 करोड़ रुपए है।
प्रस्तावित क्षेत्रों में मिक्स लैंड यूज के जरिए हाईराइज इमारतें बनेंगी। बाजार व सरकारी दफ्तरों के लिए विशेष क्षेत्र विकसित होंगे।
इन क्षेत्रों में एफएआर की दरें दोबारा निर्धारित होंगी।
करोंद से एम्स टीओडी ओरिएंटेड सर्वे किया जाएगा। ये काम शहरी विकास मंत्रालय की 12 बिंदु वाली गाइडलाइन के आधार पर होगा।
दिल्ली, नोएडा, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, मुंबई जैसे महानगरों की तर्ज पर टीओडी मॉडल विकसित होंगे। इनसे आम नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी और बेहतर कनेक्टिविटी देने की कोशिश की जा रही है।
भोपाल में पहला चरण 6962 करोड़ की लागत के साथ पूरा होगा। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकारें 40 प्रतिशत अनुदान देंगी, जबकि 60 प्रतिशत राशि कर्ज से मिलेगी।
संभवत: 6 डिब्बों वाली मेट्रो में एक बार में 1200 यात्री सवार हो सकेंगे। ये रेल 100 मीटर के टर्निंग रेडियस पर मुड़ सकेगी और 6 डिग्री के झुकाव के साथ किसी भी ढलान को पार कर लेगी।
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