इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विभागों द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन एमओयू करेगा। एनएलआइयू में शनिवार को हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। इनके अलावा पिछले महीने हुइ इंटर्नल क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल की बैठक में लिए गए निर्णयों को भी लागू करने पर सहमति बनी।
ये कदम सुधार के लिए उठाए गए हैं। जानकारों के अनुसार अब इस बदली व्यवस्था से छात्रों को राहत मिलेगी। पहले की व्यवस्था में छात्रों के फेल होने के मामले ज्यादा सामने आ रहे थे। अब इससे उम्मीद की जा रही है कि छात्रों का फेल होना कम हो सकेगा।
आइटी और फायर विभाग का होगा ऑडिट : एनएलआइयू में जल्द ही आइटी और फायर विभाग का ऑडिट किया जाएगा। संस्थान में रिकॉड्र्स के रखरखाव को डिजिटिलाइज किए जाने पर विचार किया जा
रहा है।
ग्रीन एनर्जी पर ध्यान : विवि ग्रीन एनर्जी के लिए भवनों पर सोलर पैनल लगवाएगा। जिन भवनों में छत नही हैं, वहां पर वर्टिकल पैनल का उपयोग होगा। विवि प्रशासन का दावा है कि इस तरह बिजली का खर्च आधा किया जाएगा।
ये मुद्दे भी सुलझे : छात्रों के लिए प्रमोशन पॉलिसी लागू की जाएगी। हालांकि यह पॉलिसी सिर्फ नए छात्रों के लिए होगी। 60 प्रतिशत कोर्स पूरा करने वाले छात्रों को इस प्रमोशन पॉलिसी का लाभ दिया जाएगा।
छात्रों के स्वास्थ्य के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन राजधानी के अस्पतालों को इम्पैनल करेगा। इसके तहत शहर के कुछ अस्पतालों का प्रस्ताव आया है। इलाज के लिए किसी छात्र को भर्ती किए जाने पर प्राथमिक उपचार का खर्च विश्वविद्यालय उठाएगा। इसमें इम्पैनल्ड अस्पताल विश्वविद्यालय को कुछ छूट भी देगा।