scriptखुले में पड़ा लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना भीगा | Millions of metric tons of wheat and gram drenched in the open | Patrika News

खुले में पड़ा लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना भीगा

locationभोपालPublished: Jun 04, 2020 06:58:40 pm

Submitted by:

Arun Tiwari

सरकार की लापरवाही से हुआ करोड़ों का नुकसान : कमलनाथ
 
 

खुले में पड़ा लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना भीगा

खुले में पड़ा लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना भीगा

भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार की लापरवाही से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया लाखों मीट्रिक टन गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा होने से भीग गया जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ है। देश भर में निसर्ग तूफान से कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी को भी सरकार ने नजरअंदाज किया। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में इस साल गेहूं की बंपर पैदावार हुई है। कोरोना महामारी के लॉकडाउन के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी इस बार 15 अप्रैल को देरी से शुरु हुई। सरकार ने खरीदी को लेकर बड़े-बड़े दावे किए लेकिन वास्तविकता इसके उलट है।
इस बार किसान अपनी उपज बेचने के लिए सबसे ज्यादा परेशान हुआ है। खरीदी की अव्यवस्थाओं से 4 किसानों की मौत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई। 15 अप्रैल से शुरु हुई खरीदी 31 मई तक चली। इस अवधि में भी हजारों किसानों की उपज की खरीदी नहीं हो पाई। हमने सरकार से मांग की थी कि खरीदी की तारीख बढ़ाई जाए। सरकार ने 350 केंद्रों के लिए खरीदी की तारीख 5 जून तक बढ़ाई लेकिन खरीदी केंद्र कम कर दिए। आज भी किसान इन खरीदी केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइन लगाकर खड़ा है।
देश में निसर्ग तूफान की चेतावनी के बाद भी लाखों मीट्रिक टन गेहूं के परिवहन और भंडारण की सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की। सरकार के जिम्मेदार लोग कमरों में बैठक सिर्फ आंकड़े जारी करते रहे। कमलनाथ ने कहा कि हम सरकार से मांग करते है कि जब तक सभी किसानों का पूरा गेहूं नहीं खरीद लिया जाता , तब तक खरीदी चालू रखी जाए। जिन किसानों की खरीदी केंद्रों पर उपज बेचने के दौरान मौत हुई है उनके परिवार को एक-एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए।

ट्रेंडिंग वीडियो