खाद्यान्न पर जीएसटी लागू होने के विरोध में 16 जुलाई को देशभर की तरह मध्यप्रदेश के खाद्यान्न कारोबारियों ने भी व्यापार बंद रखकर एक दिन की हड़ताल की थी। दाल, चावल और आटा मिलों के मालिक और थोक कारोबारी इसके विरोध की नई रणनीति बना रहे हैं। इस बीच खाद्यान्न व अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम ज्यादा हो गए हैं. इधर अब कानून को लेकर संशय भी बन गया है।
मप्र अनाज दलहन व्यापारी एसोसिएशन और आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार एक दिन की सांकेतिक हड़ताल के बाद अब व्यापारी विरोध का दूसरा चरण शुरू करने की रणनीति बना रहे हैं। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने अब 19-20 जुलाई को देशभर के व्यापारिक संगठनों के अध्यक्षों की वर्चुअल बैठक बुलाई है। इस बैठक में तय होगा कि आगे आंदोलन किस तरह जारी रखा जाएगा।
आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद सोमवार से ही दाल और चावल मिलों की ओर से आर्डर बंद कर दिए गए हैं। दरअसल सरकार ने यह तो कहा है कि 25 किलो व ज्यादा वजन के पैक पर जीएसटी नहीं लगेगा लेकिन ई-वे बिल तो लागू होगा ही। जीएसटी के प्रावधान और ई-वे बिल की औपचारिकता भी कारोबारियों के लिए परेशानी बनी हुई है। ऐसे में कारोबारियों के सामने फिलहाल व्यापार रोकने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। एक-दो दिनों में बैठक के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन खड़ा किए जाने की तैयारी भी की जा रही है।