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मंत्री गोविंद सिंह ने सिंघार का किया समर्थन

locationभोपालPublished: Oct 18, 2019 11:25:52 pm

Submitted by:

anil chaudhary

– किस अफसर को क्या काम देना है यह मंत्री की जिम्मेदारी

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bhopal

भोपाल. वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा विभाग के प्रशासनिक मुखिया एवं एसीएस सहित अन्य अफसरों के बीच काम-काज बंटवारे का सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद ङ्क्षसह ने समर्थन किया है। उनका कहना है कि किस अफसर को क्या जिम्मेदारी देना है यह मंत्री का अधिकार है। कार्य विभाजन कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए।
वन मंत्री सिंघार ने हाल ही में अपने विभाग के एसीएस एपी श्रीवास्तव के अधिकार उनके ही अधीनस्थ अफसरों को सौंप दिए हैं। एसीएस को सिर्फ मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। इस काम-काज के बंटवारे से नाखुश एसीएस श्रीवास्तव लंबी छुट्टी पर चले गए। इस कार्य विभाजन को विभाग में मची खींचतान से जोड़ा जा रहा है। इस मामले में जब सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि विभाग में मंत्री सर्वोपरि होता है। उसकी जिम्मेदारी है कि विभाग में काम-काज बेहतर ढंग से चले, इसलिए कार्य विभाजन का भी उसे अधिकार है। वन मंत्री ने नियमों के हिसाब से और अपने विवेक के आधार पर ही विभाग में अफसरों के बीच कार्य विभाजन किया होगा। मंत्री का निर्णय विभाग को मानना ही होता है।

– आइएएस एसोसिएशन से बात करूंगा
आइएएस अधिकारी विवेक अग्रवाल के समर्थन में आइएएस एसोसिएशन के सवाल पर मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि वे इस मामले में एसोसिएशन और डीजीपी से बात करेंगे, लेकिन वे इस मामले में ज्यादा बोलने से बचते नजर आए। मालूम हो केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए आइएएस अधिकारी विवेक अग्रवाल के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शिकायत होने से आइएएस अधिकारी नाराज हैं। इस मामले में एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। अभी ज्यादा जानकारी नहीं।

– यह है मामला
वन मंत्री उमंग सिंघार ने मंत्रालय स्तर पर अफसरों के बीच काम-काज का बंटवारा कर दिया है। इसमें विभाग के प्रशासनिक मुखिया और एसीएस एपी श्रीवास्तव के अधिकार उनके ही अधीनस्थ अफसरों को सौंप हैं। इससे नाखुश एसीएस लंबे अवकाश पर चले गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंत्री को मंत्रालय में पदस्थ अफसरों के कार्य विभाजन करने के अधिकार ही नहीं है। यह अधिकार सिर्फ विभाग के मुखिया को है। ऐसे में मंत्री की नोटशीट का कोई औचित्य नहीं है। मंत्री सिंघार ने नोटशीट में दिए गए निर्देशों का तत्काल प्रभाव से पालन करने को कहा है। इसके तहत विभाग के प्रशासनिक मुखिया और एसीएस एपी श्रीवास्तव के जिम्मे रहे सभी कार्य उन्होंने वन विभाग के सचिव को सौंप दिए हैं। साथ ही पदेन सचिव से लेकर अतिरिक्त सचिव और उप सचिव तक के अफसरों की जिम्मेदारियां भी उन्होंने तय कर दी हैं। मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि नियमों का भली भांति पालन किया जाए।

– नोटशीट में एसीएस का नाम आखिरी में
कार्य विभाजन संबंधी मंत्री की नोटशीट में पहले सचिव फिर पदेन सचिव और अन्य अफसरों के नाम लिखे हैं। एसीएस का नाम आखिरी में लिखे जाने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि एसीएस ने नोटशीट मिलते ही तत्काल इसे अपने सचिव को भेज दिया और उन्होंने दो हफ्ते की छुट्टी ले ली।

– एसीएस सिर्फ मॉनिटरिंग करेंगे
मंत्री ने विभाग के एसीएस एपी श्रीवास्तव को सभी सचिवों पर प्रशासनिक नियंत्रण रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी काम-काज का निपटारा समय से हो। विभाग के सचिव को कैबिनेट से लेकर सीएम, सीएस तक काम दिए गए हैं। इनमें कैबिनेट प्रस्ताव तैयार करने, बजट, समन्वय, योजनाओं, विधानसभा और अदालत संबंधी तमाम मामले शामिल हैं।

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