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मंत्री जी… आपके प्राइमरी स्कूलों का सिस्टम मर रहा है, बचाने कुछ करें

locationभोपालPublished: Sep 03, 2018 08:05:15 am

Submitted by:

Bharat pandey

बीयू की डिप्टी रजिस्ट्रार ने मानव संसाधन मंत्री जावड़ेकर को किया ट्वीट। कहा- निजी स्कूल पूरी तरह से धन लोलुप, बच्चे और परिजन दोनों ही हो रहे प्रताडि़त

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Minister ji … system of primary schools is dying, save something

भोपाल। लगभग पूरी तरह बिखर चुके सरकारी स्कूल सिस्टम पर तगड़ी चोट करते हुए बरकतउल्ला विवि की महिला डिप्टी रजिस्ट्रार ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को खरा ट्वीट किया है। डिप्टी रजिस्ट्रार सरिता चौहान ने प्रकाश जावड़ेकर को ट्वीट में लिखा है कि आपके प्राइमरी स्कूलों का सिस्टम मर रहा है। निजी स्कूल पूरी तरह धन लोलुप हैं। बच्चे और परिजन दोनों बुरी तरह प्रताडि़त हो रहे हैं। इस सिस्टम को बचाने के लिए कुछ कीजिए मंत्री जी।

उच्च शिक्षा के सिस्टम से जुड़ी एक बड़ी अधिकारी द्वारा इस तरह का ट्वीट किए जाने के बाद हडक़ंप मच गया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाने वाला सिलेबस तो ठीक है, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता बहुत खराब। निजी स्कूल संचालक पूरी तरह व्यावसायिक हो चुके हैं, वे बच्चों और परिजनों को प्रताडि़त करते हैं। इधर, सरकारी स्कूल शिक्षा के सिस्टम में सुधार के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रबुद्धजनों ने इस ट्वीट को सही बताया है। निजी स्कूलों की मनमानी और उनके द्वारा किए जाने वाले शोषण का विरोध करने वाले पालक संघ ने भी इसे सही बताते हुए स्कूल शिक्षा को सुदृढ़ करने की बात कही है।

सिस्टम के बिगडऩे का दूसरा बड़ा कारण शिक्षा का राजनीतिकरण
एक अध्ययन में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आ चुकी है कि केंद्रीय बजट का 07 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार केवल 03 प्रतिशत खर्च करती है। 04 प्रतिशत के इस भारी भरकम बजट की कमी के कारण ही शासकीय स्कूल दुर्दशा के शिकार हैं। सरकारी सिस्टम के बिगडऩे का दूसरा बड़ा कारण शिक्षा का राजनीतिकरण है। इससे भी शिक्षा को बचाया जाए। कमल विश्वकर्मा, अध्यक्ष पालक शिक्षक संघ

सिस्टम के सुधार के लिए बजट बढ़ाना होगा
सरकारी स्कूलों को सही करने और इसके सिस्टम के सुधार के लिए सरकार को बजट बढ़ाना होगा। स्कूलों में इंस्फ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है, इसे बढ़ाया जाए। शिक्षकों को अपग्रेड किया जाए। इसके साथ ही गांवों की तरह जनप्रतिनिधि भी एक-एक स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में डेवलप करने के लिए उसे गोद लें।
सुधीर सप्रा, अध्यक्ष ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन

 

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी
देखिए स्कूल शिक्षक से चलते हैं। हमारे सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में सरकार को सबसे पहले मानक अनुसार नियमित शिक्षक भर्ती करने चाहिए। दूसरा बड़ा कदम इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार का है। केवल बिल्डिंग से कुछ नहीं होगा। बच्चों के लिए खेल मैदान के साथ उनके संपूर्ण विकास के लिए भी सोचना है। सिस्टम ऐसा हो कि बच्चे का स्कूल जाने के लिए मन स्वयं करे। एमएस रावत, सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार, भोज विश्वविद्यालय

 

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