मंत्री इमरती देवी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जो बच्चे अण्डा नहीं लेंगे उन्हें फल दिए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने बजट की व्यवस्था कर ली है। उन्होंने बताया कि अति गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए सामुदायिक आधारित पोषण प्रबंधन (सी-सेम) प्रारंभ किया जाएगा। यह दो चरणों में होगा। आदिवासी क्षेत्रों में पोषण जागरुकता के लिए हाट-बाजारों में स्टॉल लगाकर बच्चों को पोषण बास्केट दिए जाएंगे। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहतीं कि हमारे यहां के बच्चों को विदेशी गोद लें। विदेश में पता नहीं चलता कि इन बच्चों का पालन पोषण कैसे हो रहा है। इसलिए प्रयास होगा कि बच्चों को भारतीय दम्पत्ति ही गोद लें।
शुरू होंगे नए बाल शिक्षा केन्द्र – मंत्री इमरती देवी ने बताया कि 28 फरवरी 2020 को 800 नवीन बाल शिक्षा केन्द्रों की शुरूआत की जायेगी। उन्होंने बताया कि 3 से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शाला पूर्व शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पहले चरण में 313 ऑगनवाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया गया था।
खिलौना-पुस्तक बैंक – आँगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के खेलने और पढ़ने के लिये प्रोत्साहित करने की दृष्टि से खिलौना-पुस्तक बैंक की स्थापना की जा रही है। समुदाय द्वारा अपने बच्चों के नाम पर आँगनवाड़ी केन्द्रों को उपयोगी खिलौने एवं पुस्तकें दान की जायेंगी। मंत्री ने बताया कि समुदाय का आँगनवाड़ी केन्द्रों के साथ भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करने के लिए इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया।