सेवा प्रदाताओं की सुविधाओं एवं कार्य-सुविधा की दृष्टि से मध्यप्रदेश में टॉवर पोर्टल को विकसित कर नोटिफाइड किया गया है।
मंत्री सकलेचा आज लांच करेंगे मध्यप्रदेश की टावर पॉलिसी बुकलेट
भोपाल. मध्यप्रदेश के नागरिकों को सुदृढ़, सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध दूरसंचार सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये दूरसंचार अवसंरचना स्थापना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा 17 दिसम्बर को दोपहर 12.30 बजे वर्चुअल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की टावर पॉलिसी बुकलेट लांच करेंगे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की उप सचिव अंजू भदौरिया ने बताया कि दूरसंचार अवसंरचना की प्रक्रिया को सुगम, प्रोत्साहित एवं विनियमित करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा “दूरसंचार सेवा,इंटरनेट सेवा, अवसंरचना प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने के लिये नीति जारी की गई है।
नीति में किये गये प्रावधान संशोधन “अवसंरचना” की परिभाषा में स्मॉल सेल को शामिल किया गया। इसके अंतर्गत कोई भी ऐसी अवसंरचना जो दूरसंचार तकनीक के Communication/Trans-receiving को ग्रहण करने की क्षमता धारित करता हो, टॉवर की श्रेणी में मान्य किये जायेंगे। भविष्य में कोई भी ऐसी नई संरचना जो नई तकनीक से निर्मित होगी वो सभी इस परिभाषा में सम्मिलित मानी जायेगी। नई तकनीक से भविष्य में निर्मित होने वाली किसी भी अवसंरचना को नीति में जोड़ने की आवश्यकता नहीं होगी।
जारी नीति में 4जी नीति के अंतर्गत लायसेन्सों के नवीनीकरण के प्रावधान नहीं थे। ऐसी स्थिति में कलेक्टर्स, सर्विस प्रोवाइडर्स, द्वारा नवीनीकरण के संबंध में मार्गदर्शन चाहा जा रहा था। नीति- में 4जी नीति के अंतर्गत जारी लाईसेंसों के नवीनीकरण किए जाने का प्रावधान किया गया है। अब समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण भी होगा। अधोसंरचना की स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों के शीघ्र निराकरण के संबंध में समयसीमा में परिवर्तन तथा डीम्ड अनुज्ञप्ति का प्रावधान किया गया है जिसके अनुसार शासकीय, स्थानीय निकाय की भूमि भवन पर समय-सीमा 45 दिवस में जारी किये जाने का प्रावधान किया गया है।
भारत सरकार द्वारा सराहना सेवा प्रदाताओं की सुविधाओं एवं कार्य-सुविधा की दृष्टि से मध्यप्रदेश में टॉवर पोर्टल को विकसित कर नोटिफाइड किया गया है जिसकी भारत सरकार द्वारा आइडियल मॉडल के रूप में सराहना की गई है।