सिंघार मुलाकात के दौरान श्योपुर जिले के कुनो पालपुर अभयारण्य में जरूरी सुविधाएं पूरी करने के साथ गुजरात सरकार के मनमाने रवैये पर भी पीएस को अवगत कराएंगे। मंत्री, पीएस से गिर के शेर को उपहार स्वरूप में प्रदेश को देने की भी मांग करेंगे।
भारत सरकार का सिंह प्रोजेक्ट की शुरूआत वर्ष 1994 में शुरूआत हुई थी, जो आज भी अधूरी है। इस प्रोजेक्ट और शेर यहां लाने के संबंध में राज्य सरकार का पिछले 27 वर्षों से गुजरात और केन्द्र सरकार से पत्राचार चल रहा है, लेकिन सफलता अभी भी नहीं मिली है। हालांकि वर्ष 2003 में कुनो पालपुर में शेरों के रहवास के लिए समस्त सुविधाएं जुटा ली गईं, जिसकी जानकारी गुजरात को भी दे दी गई है।
इसके बाद भी गुजरात शेर देने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। गुजरात सरकार ने इसे स्टेटस सिंबल बना लिया है। गुजरात सरकार शेरों को देने के मना करने के बजाय कुनो पालपुर में कई कमियां गिना रहा है। तकनीकी कमेटी की 85 फीसदी शर्तों को ९० फीसदी सुझावों को सरकार पूरा कर चुकी है। पूरा कर चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने भी कुनो पालपुर में शेरों की शिफ्टिंग पर सहमति दे चुका है। वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने छह माह में शेर शिफ्ट करने के निर्देश गुजरात सरकार को दिए थे। इसके बाद भी गुजरात सरकार शेर देने को तैयार नहीं है। हालांकि इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका लगाई गई है।
शेरों के संरक्षण के लिए जरूरी है शिफ्टिंग
वन मंत्री उमंग सिंघार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान बताएंगे कि शेरों के संरक्षण और वृद्धि के लिए उनकी शिफ्टिंग जरूरी है। मध्य प्रदेश में उनके लिए उपयुक्त रहवास विकास तैयार कर लिया गया है और यहां की जलवायु उनके लिए सकारात्मक है। इसके अलावा वे इस प्रजाति पर आने वाले संभावित खतरों पर भी बात करेंगे। यह भी बताएंगे कि गुजरात के गिर अभयारण्य में शेरों की संख्या बढऩे का खामियाजा वहां की जनता को उठाना पड़ रहा है। पिछले माह शेरों का एक झुंड बस्ती में घुस गया था। ऐसी स्थिति पहले भी कई बार बन चुकी है, लेकिन आगे न बने। इसलिए मप्र को शेर दें।
मध्य प्रदेश में गिर के शेरों को लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को इस संबंध में पत्र भी लिखा है और उनसे मिलने का समय भी मांगा है। पीएम से मिलने के बाद गुजरात के अडिय़ल रवैए से भी उन्हें अवगत कराएंगे
– उमंग सिंघार, मंत्री, वन