[email protected]भोपाल। देशभर में थर्मल बिजली के संकट के चलते अब प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को शिवराज सरकार ने कई कदम उठाए। इसके तहत अब मंत्रियों के बंगले और कई सरकारी दफ्तर सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। इनमें थर्मल बिजली का इस्तेमाल घटाया जाएगा। इसके अलावा खेती में भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए कुसुम-सी यानी कुसुम-3 योजना को लागू किया जाएगा। इसमें खेती के लिए सौर ऊर्जा अपनाने पर सरकार अनुदान देगी। यह फैसले बुधवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में हुए।
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राज्य मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि कैबिनेट में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। कैबिनेट मेें प्रदेश में 1250 मेगावॉट के सौर संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कुसुम सी योजना मंजूर की गई है। इसके तहत पांच हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में 8 घंटे लगातार बिजली मिल सकेगी। एक लाख 75 हजार पंपो को सोलर ऊर्जा से जोडऩे का प्रयास है। इसके लिए खेती के थर्मल बिजली आधारित फीडर को सौर ऊर्जा में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी नोडल एजेंसी रहेगी, जो निजी सेक्टर से ओपन मार्केट में बिड बुलाएगी। इसमें सौर ऊर्जा के लिए निजी निवेशक-विकासक चयनित किया जाएगा। वहीं खेती के थर्मल फीडर को सौर ऊर्जा में तब्दील करेंगे। वहीं कोरोना काल के बिजली बिल बकाया के 6400 करोड़ रुपए माफ करने की मंजूरी भी दी गई।
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सौर ऊर्जा के लिए कमेटी बनेगी-
कैबिनेट में बिजली के वैकल्पिक स्त्रोतों के इस्तेमाल पर चर्चा हुई। थर्मल बिजली संकट को देखते हुए तय किया गया कि वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देकर सरकारी दफ्तर, सरकारी बंगलो और मंत्रियों के बंगलों पर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के कदम उठाए जाए। सीएम शिवराज ने इसके लिए एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए। इसके तहत ऊर्जा मंत्री, नवकरणीय ऊर्जा मत्री व दोनों विभागों के प्रमुख सचिव सहित अन्य सदस्यों की कमेटी बनेगी। यह कमेटी वैकल्पिक ऊर्जा पर रिपोर्ट देगी।
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पूर्व की हाईपॉवर कमेटी भी-
इससे पूर्व मंत्रियों की भी एक कमेटी बनी हुई है, जो बिजली की समस्याओं को हल करने के लिए गठित की गई थी। यह कमेटी भी जल्द अपनी रिपोर्ट रखेगी। इसमें मुख्यत: बिजली की सब्सिडी को कम करने पर कदम उठना है।
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15 मई से आदिवासियों के बीच होंगे अब मंत्री-
शिवराज ने सभी मंत्रियों को 15 मई से एक महीने के लिए आदिवासियों के बीच पहुंचने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत 15 से 25 मई तक मंत्रीगण वनग्राम से राजस्व ग्राम में तब्दील होने वाले 827 गांवों में पहुंचकर इसका उत्सव मनाएंगे। कैबिनेट ने वनग्रामों के राजस्व ग्राम में बदलने के अनुसमर्थन प्रस्ताव को मंजूरी दी। बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्बूरी मैदान पर इसका शुभारंभ किया था।
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शराब परिवहन नियमों में संशोधन-
शराब के परिवहन नियम में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत एक दुकान का स्टॉक ज्यादा होने पर दूसरे लायसेंसकर्ता को भेजा जा सकेगा। इस पर संबंधित लायसेंसकर्ता को संबंधित ब्रांड-कोटा निर्धारित अनुपात में कम हो जाएगा। इसके लिए निर्धारित ड्यूटी में संशोधन किया गया है। गौरतबल है कि इस बार कैबिनेट में मंत्रियों की मौजूदगी कम रही। इसके पीछे वजह शादियों का मौसम होने से मंत्रियों की व्यस्तता रही।
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संस्कृत शिक्षकों के पद भरेंगे-
सीएम ने कैबिनेट में परशुराम जयंती पर संस्कृत विद्यार्थियों व पुजारियों के लिए किए निर्णय भी बताए। सीएम ने कहा कि संस्कृत शिक्षकों के खाली पदों पर भर्ती होगी। संस्कृत शिक्षण कैरियर को बढ़ावा देंगे। सीएम ने परशुराम चरित्र और गीता सार को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए पाठ्यक्रम समिति की बैठक करने के निर्देश भी दिए। सीएम ने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को शासन की संबल सहित सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। मंदिर के पुजारियों को उपलब्ध कराए जाने वाले मानदेय के संबंध में भी जानकारी दी।
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