प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप के रूप में कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थियों को मदद दी जाती है। यह एक हजार से पांच हजार रुपए है। इसके अलावा पोस्ट मैट्रिक और मैरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति उच्च शिक्षा हासिल करने वालों को दी जाती है। मीकेप्स फॉर्म जमा करने में विद्यार्थियों की मदद कर रहा है। मीकेप्स के डॉ जफर हसन ने बताया कि मोती मस्जिद के पास दतर में वॉलेन्टियर तैनात हैं जो निशुल्क मदद दे रहे हैं। सिम्पैथी फाउंडेशन भी इसमें मदद कर रहा है। इसके अलावा और भी कई संगठन विद्यार्थियों की मदद के लिए काम कर रहे हैं।
76 हजार छात्रों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की शिक्षा में मदद के लिए दी जाती है। इस बार प्रदेश के करीब 76 हजार बच्चों को यह स्कॉलरशिप दी जाना है। जिसे छह श्रेणी में बांटा गया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मुस्लिम वर्ग के छात्र 59 हजार, ईसाई समुदाय के छात्र 2600, सिख समुदाय के छात्र 2300, बुद्धिस्ट समूदाय के छात्र 3243, जैन समूदाय के छात्र 8400 और पारसी समुदाय में 15 छात्रों को मिला कर छह श्रेणी में बांटी जाएगी इस साल छात्रवृत्ति।
दिन में सर्वर स्लो तो रात में भरे जाते हैं फॉर्म
लोगों को हो रही दिक्कत के कारण कई संस्थाएं इसमें अभिभावकों की मदद कर रही हैं। सिम्पैथी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया दिन में हो रही दिक्कत के कारण रात के समय आवेदन ऑनलाइन भरते हैं। दिन में सर्वर स्लो होने से एक फॉर्म में ही आधा से एक घंटा तक लग जाता है।