आपको बतादें कि, महिला द्वारा रेप के केस दर्ज कराए जाने के बाद बोपाल क्राइम ब्रांच ने ग्वालियर पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई करते हुए मिर्ची बाबा को ग्वालियर से गिरफ्तार किया था। यहां से पुलिस उन्हें सीदे ही जिला अदालत ले आई, जहां पहली सुनवाई के बाद उन्हें 14 दिन के ज्यूडीशियल रिमांड पर भेजा गया है। बता दें कि, एक दिन पहले ही एक महिला ने भोपाल स्थित महिला थाने में बाबा पर रेप का केस दर्ज कराया था। बता दें कि, पीड़िता के बच्चे नहीं हैं। इसपर उसने आरोप लगाया कि, बाबा ने उसे पूजा-पाठ कर संतान होने का दावा किया और झांसे में लेकर रेप किया है।
यह भी पढ़ें- कांग्रेस के स्टार प्रचारक मिर्ची बाबा रेप के केस में गिरफ्तार, भाजपा नेताओं से भी संबंध
मिर्ची बाबा की गिरफ्तारी के बाद सियासत शुरू
मिर्ची बाबा की गिरफ्तारी के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। भाजपा नेता और प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि, कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि, इस तरह के पाखंडी बाबा हमेशा इनके संरक्षण में ही क्यों रहते हैं। कांग्रेस के सभी बड़े नेता आखिर चुप क्यों बैठे हैं। ऐसे शोषण करने वाले बाबाओं पर पूरी कांग्रेस चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि, चुनावी दौर में मिर्ची बाबा दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के स्टार प्रचारक रहे हैं।
कौन हैं मिर्ची बाबा ?
हमेशा चर्चा में रहने वाले मिर्ची बाबा का नाम वैराग्यानंद गिरी महाराज है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान वो तब चर्चा में आए थे, जब बाबा ने कांग्रेस सांसद उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत के लिए लाल मिर्ची का हवन किया था। साथ ही, उन्होंने ये दावा भी किया था कि, अगर दिग्विजय नहीं जीते तो वो समाधि ले लेंगे। हालांकि बाबा का ‘यज्ञ’ और दावा काम नहीं आया और दिग्विजय सिंह भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से हार गए। दिग्विजय की हार के बाद बाबा से समाधि के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने अपने स्टेटमेंट को मजाक में कही बात करार दे दिया था। बता दें कि, उस दौरान कमलनाथ सरकार में बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था।
पुलिस ने किया सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, देखें वीडियो