वहीं, एक अन्य बड़ा बदलाव बार लाइसेंस को लेकर होगा। इसके अलावा मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान अधिनियम, अधिवक्ताओं की पेंशन, मप्र माध्यस्थम अधिकरण विधेयक, दंड विधि विधेयक, पशु चिकित्सक विज्ञान विवि विधेयक, जीएसटी से उद्योगों की समस्या का निराकरण, मेट्रो का त्रिस्तरीय अनुबंध और रोजगार मूलक उद्योग संबंधित प्रस्ताव आएंगे।
सरकार का पहला मुख्य बजट आठ जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में आना है। इसका प्रस्ताव भी कैबिनेट में रखा जाएगा। बैठक में दस फीसदी सवर्ण आरक्षण का प्रस्ताव भी आ सकता है। इसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण के नए नियम हैं।
पिछली भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव 2018 के ठीक पहले ये कानून लागू किया था। कांग्रेस सरकार आई तो पेंशन बंद करने की बात कही गई थी, लेकिन विवाद बढऩे पर परीक्षण के लिए रोक लिया गया। अब निरसन विधेयक लाया जा रहा है। इसमें पेंशन को बरकरार रखा जा सकता है, लेकिन इसके कानूनी दर्जे को रद्द किया जा सकता है। यह पेेंशन आपातकाल के समय जेल में रहने वालों को मिलती है।