छात्रा की जुबानी: दादा-दादी बोलते थे बुढापे में यह आफत आ गई विवाद के बाद मम्मी-पापा को अलग-अलग रहते 4-5 साल हो गए हैं। मां पटना में रहती है। इसके बाद से दादा- दादी मुझे मां को लेकर ताने मारने लगे। करीब 2 साल पहले मेरी चाची ने मुझसे बोला कि तुम यहां क्यों रहती हो अपनी मां के पास पटना में ही रहो। इसके बाद 2 महीने पटना में रही, लेकिन मम्मी ने मुझे भोपाल वापस भेज दिया। मैं भोपाल वापस आई तो किसी को खुशी नहीं हुई। मेरे दादा-दादी बोले कि बुढ़ापे में यह आफत कहां से आ गई। चाची मुझे पसंद नहीं करती। चाचा को भी वह मुझसे बात करने से रोकती थी। मेरी वजह से घर मे बहुत लड़ाई हुई। इसी बीच मेरे पापा को अटैक आ गया। उन्हें पैरालाइसिस हो गया तो मैं घर मे अकेली हो गई। करीब डेढ़ साल पहले मेरी बुआ ने दादी को फोन करके बताया कि उसके कई लडको से दोस्ती है तुम उसको डांटा करो। इसके बाद दादा-दादी चाचा-चाची, बुआ आए दिन मुझे फटकार लगाते, दोस्तों से बात करने में पाबंदी लगाते। इनके बरताव से मैं परेशान-दुखी हो गई। ऐसे में बिना किसी को बताए मैं घर छोड़कर जाने का प्लान बताया। मेरे साथ कोई घटना-दुर्घटना नहीं हुई।
– (जैसा कि छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में बताया)
थाने से घर जाते वक्त बोली-परेशान करेंगे तो अब पुलिस को बताऊंगी
छात्रा को पुलिस बालिका आश्रय गृह भेजने की तैयारी में थी। इसी बीच छात्रा ने कहा कि वह अपने पिता के घर में रहेगी। जाते वक्त वह मामले की जांच कर रहे एसआई राजकुमारी दांगी से पुलिस का नंबर लेकर गई। एसआई दांगी से उसने कहा-अब घर वाले परेशान करेंगे तो पुलिस को बताऊंगी। घर नहीं छोडूंगी। छात्रा का कहना दो दिन पहले उसने घर छोडऩे का प्लान बना लिया था। गुरुवार दोपहर वह स्कूल से ही एक लीटर बॉटल में पानी भर कर लाई थी। सहेली जैसे ही अपने घर गई वह खाली मकान की बाउंड्री लांघकर उसमें छिप गई। पहली रात उसने मकान में खड़ी वैन की सीट पर काटी। ठंड लगने से वह रातभर सो नहीं सकी। अगली सुबह चुपके से बगल के मकान से कुछ पकड़े चोरी कर ले आई। दोपहर में वह छिपकर धूप में बैठी रहती थी।
पत्र में लिखा- अपना दुख किसी से शेयर नहीं कर पाती….
एसपी साउथ राहुल कुमार लोढा ने बताया कि शुक्रवार रात छात्रा के कमरे की तलाशी लेने पर उसकी आलमारी से एक पत्र मिला, जोकि कपड़े में रखा था। पत्र में छात्रा ने लिखा था कि बताया कि उसके दादा-दादी, चाचा-चाची उसे डांटते हैं। छोटी-छोटी बातों पर उसे ताना देते हैं, मां के पास चले जाने को कहते हैं। अपना दुख किसी से शेयर नहीं कर पाती थी। इसके चलते वह घर छोड़कर जा रही है। उसे खोजने की कोशिश न की जाए, यदि उसे खोजा गया तो वह खुदकुशी कर लेगी।
चेहरे पर कपड़ा ढक वह पुलिस को देख रही थी तभी मेरी नजर पड़ गई सुबह करीब आठ बजे मैं छत पर घरेलू काम कर रही थी। इसी बीच मेरे मकान के पीछे की तरफ पुलिस दिखी। पुलिस बैग-जूते लिए हुई थी। तभी मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी। उसके चेहरे पर गंदा कपड़ा था। वह बाउंड्री की दीवार पर छिपकर पुलिस को देख रही थी। मैं तुरंत ही उसे पहचान गई। मैंने उसका नाम लेकर आवाज लगाई। वह रोने लगी। वह काफी डरी-सहमी थी। इसके बाद पुलिस उसे लेकर चली गई।
– ज्योति सरीन, (सलोनी की पड़ोसी, जिसने सबसे पहले उसे मकान में देखा)
स्कूल बैग से मिला सुराग एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि शनिवार सुबह सात बजे बागसेवनिया थाना पुलिस को सूचना मिली कि साकेत नगर स्थित एम-104 2बी मकान के आंगन में पीछे की ओर एक स्कूल बैग पड़ा है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। उक्त घर पर ताला लगा था। पुलिस बगल वाले घर से आंगन तक पहुंची और बैग लेकर वापस जा रही थी, तभी ज्योति ने आवाज देकर पुलिसकर्मियों को बच्ची के छिपे होने की जानकारी दी और उसे बरामद कर लिया गया।
रहस्यमय: कर्मचारियों को नहीं दिखी छात्रा जिस खाली मकान में छात्रा बरामद हुई वह अवधपुरी निवासी कांट्रेक्टर संजीव गुप्ता का है। उन्होंने मकान को गोदाम बना रखा है। चौकीदार विष्णु चौधरी ने बताया कि वह और उनका स्टाफ रोजाना दो-तीन बार इस मकान में सामान रखने और उठाने आते हैं। शुक्रवार शाम पांच बजे भी दो-तीन कर्मचारी आए, लेकिन उन्हें छात्रा नहीं दिखी।
इंस्टाग्राम पर चैटिंग को लेकर दादा-दादी, बुआ ने डांटा
जांच में सामने आया कि छात्रा और उसके दोस्त सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। इंस्टाग्राम पर उनकी चेटिंग होती है। फोन पर लंबी बात होती है। इसी बात को लेकर दादा-दादी, बुआ ने उसे डांट लगाई थी। छात्रा के माता-पिता की वर्ष 2003 में शादी हुई थी। 200४ में छात्रा का जन्म हुआ। वर्ष 2013 में उसकी मां पटना चली गई।