— नए चेहरों की चुनौती कांग्रेस के सामने इन 6 पूर्व मंत्रियों के सामने सबसे पहले नए चेहरे चुनने की चुनौती रहेगी। यह 6 बागी लंबे समय से कांग्रेस में इन विधानसभा सीटों का प्रतिनिधित्व करते आए हैं, इस कारण इन सीटों पर कांग्रेस संगठन बेहद कमजोर है।
अब कांग्रेस इन सीटों पर इनके सामने मजबूत दावेदार खोजेगी। इसके अलावा इन 6 सीटों पर कांग्रेस के बड़े दिग्गजों को भी भेजा जाएगा, ताकि वे चुनाव प्रचार की कैंपेन संभाल कर पूरा फोकस इन सीटों पर कर सके। इस रणनीति से कांग्रेस को काफी उम्मीद है।
— ये 6 बागी, सबकी अलग घेराबंदी- इन 6 पूर्व मंत्रियों में गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभु राम चौधरी शामिल है। कांग्रेस ने इन 6 बागियों के लिए अलग-अलग रणनीति बनाने की तैयारी की है। इसमें सबसे ज्यादा ग्वालियर चंबल क्षेत्र के हैं, इस कारण उस हिसाब से रणनीति बनाई जाएगी।
— जानिये, 6 पूर्व मंत्रियों का फ़्लैशबैक 1. गोविन्द सिंह राजपूत – सागर सीट पर राजपूत ने भाजपा के सुधीर यादव को हराया था। यहाँ भाजपा ने पारुल साहू का टिकट काटकर यादव को उतरा था।
2. प्रद्युम्न सिंह तोमर – ग्वालियर मुख्य सीट पर प्रद्युम्न तोमर ने 92055 वोट हासिल कर जयभान सिंह पवैया को हराया था। 3. इमरती देवी- डबरा सीता पर इमारती ने भाजपा के प्रत्याशी कप्तान सिंह को 57486 वोट से हराया था।
4. महेंद्र सिंह सिसोदिया- बमोरी सीट पर सिसोदिया ने भाजपा के बृज मोहन सिंह को 28000 वोटों से हराया था। 5. तुलसी सिलावट- साँवेर सीट पर सिलावट ने राजेश सोनकर को करीब 3000 वोटों से सांवेर में हराया था
6. प्रभु राम चौधरी- साँची सीट पर चौधरी ने गौरीशंकर शेजवार को 10000 वोटों से हराया था। दोहरी चुनौती दोनों और- उपचुनाव में इन 6 सीटों पर दोहरी चुनौती दोनों और रहेगी। एक और तो इन 6 पूर्व मंत्रियों को जीतने के लिए कांग्रेस के साथ भाजपा के अंदरूनी भितरघात का भी सामना करना होगा। दूसरी ओर कांग्रेस के दावेदारों को भी इन 6 पूर्व मंत्रियों के साथ भाजपा के परंपरागत वोट बैंक से भी निपटना होना पड़ेगा। दोनों ही और चुनौतियां दोहरी रहेगी।